गन्ने के खेत में पहुंचे एसीएमओ, मिलीं सिरिज
जेएनएन पीलीभीत (घुंघचाई) गन्ने के खेत में कोविड-19 टीकाकरण के लिए प्रयुक्त होने वाली सिरिज मिलने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है। सीएमओ के आदेश पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. हरिदत्त नेमी ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल की। मामले में प्रथम ²ष्टया सीएचओ व एएनएम की लापरवाही मानते हुए लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है।
जेएनएन, पीलीभीत (घुंघचाई): गन्ने के खेत में कोविड-19 टीकाकरण के लिए प्रयुक्त होने वाली सिरिज मिलने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है। सीएमओ के आदेश पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. हरिदत्त नेमी ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल की। मामले में प्रथम ²ष्टया सीएचओ व एएनएम की लापरवाही मानते हुए लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है।
दैनिक जागरण ने 22 व 23 जनवरी के अंक में घुंघचाई स्थित गन्ने के खेत में सील पैक सिरिज मिलने का मामला प्रमुखता से प्रकाशित किया। मामले में फर्जी टीकाकरण का खुलासा किया गया था। खबर का संज्ञान लेकर सीएमओ डा. आलोक कुमार ने एसीएमओ डा. हरिदत्त नेमी को मामले की जांच कर आख्या प्रस्तुत करने के आदेश दिए। रविवार को एसीएमओ डा. नेमी प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. चंद्रकुमार को लेकर मौके पर पहुंचे। घुंघचाई स्थित गन्ने के खेत में दोनों अधिकारियों ने काफी देर तक जांच की। अधिकारियों ने माना सिरिज सरकारी
मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य अधिकारियों ने थैली में रखीं प्रयोग हो चुकीं सिरिज देखीं। सिरिज देखकर अधिकारियों ने माना कि यह सरकारी खेप में आई हुई सिरिज है। इसका प्रयोग कोविड-19 टीकाकरण में किया जा रहा है। वहीं, एसीएमओ डा. हरिदत्त नेमी ने घुंघचाई सेंटर पर पहुंचकर सीएचओ शालिनी देवी व एएनएम पुष्पा देवी की कड़ी फटकार लगाई। दोनों को लिखित स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए।
मंदारपुर से 300 मीटर दूरी पर खेत
जिस खेत में सिरिज मिली हैं वह घुंघचाई-मंदारपुर मार्ग पर स्थित है। मंदारपुर में 20 दिसंबर को टीकाकरण शिविर लगा था। मंदारपुर से पूरनपुर जाने के लिए यही मार्ग प्रयोग होता है जिस पर घुंघचाई उपकेंद्र पड़ता है। इसी सेंटर से टीम टीकाकरण के लिए गई थी। मंदारपुर से 300 मीटर की दूरी पर गन्ने का पहला खेत यही है जिसमें सिरिज पड़ी मिलीं। 20 जनवरी को हुई गन्ने की छिलाई में खुलासा हुआ।
चल रही खुराफात, विभाग बना अंजान
दैनिक जागरण में दो दिन खबर छपने के बाद दोषियों में खलबली मच गई। जांच पर पहुंचे एसीएमओ को मौके पर नई सील पैक सिरिज नहीं मिलीं। इनकी संख्या करीब 70 थी। एसीएमओ को मौके पर प्रयोग हो चुकी सिरिज मिलीं जिनकी संख्या लगभग 200 बताई गई। प्रयोग हो चुकी सिरिज को बायो मेडिकल वेस्ट में जाना चाहिए था। एसीएमओ के पहुंचने से पहले ही नई सिरिज गायब कर दी गईं जबकि प्रयोग हो चुकी सिरिज पांच किलो क्षमता की काली पन्नी में भरी मिलीं। इससे स्पष्ट है कि विभागीय कर्मी टीकाकरण की गंभीरता को समझे बिना पतीला लगाने पर लगे हुए हैं। सिरिज में लगी मिलीं निडिल, हबकटर में नहीं
कोविड-19 टीकाकरण में टीका लगाते ही सिरिज को हबकटर (लोहे का डिब्बा) में फंसाया जाता है। सिरिज में लगी निडिल हबकटर में गिर जाती है और निडिल को काली थैली में डालकर बायो मेडिकल वेस्ट में भेज दिया जाता है। मौके पर मिली प्रयुक्त सभी सिरिजों में निडिल लगी पाई गई हैं। इससे टीका लगाने की विधि व टीकाकरण को लेकर सावधानी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आशंका है कि टीका लगाए बिना ही निडिल खोल ली गई हो और फर्जी ढंग से रिकार्ड चढ़ा दिया गया हो।
मौके पर पहुंचकर जांच की है। मामला गंभीर है। सिरिज सरकारी हैं। सीएचओ व एएनएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है। अभी पूरी तरह स्थिति स्पष्ट नहीं है।
- डा. हरिदत्त नेमी, एसीएमओ