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तेज हवा में टूट जातीं छह दशक पुरानी विद्युत लाइनें

मझोला क्षेत्र के कई गांवों की बिजली लाइनें छह दशक पुरानी हो गई हैं। इन गांवों को अभी उत्तराखंड के नानकमत्ता से बिजली आपूर्ति दी जाती है लेकिन जरा सी हवा चलते ही लाइनों के तार टूट जाते हैं और आपूर्ति बाधित हो जाती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 12:22 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 12:22 AM (IST)
तेज हवा में टूट जातीं छह दशक पुरानी विद्युत लाइनें
तेज हवा में टूट जातीं छह दशक पुरानी विद्युत लाइनें

पीलीभीत,जेएनएन : मझोला क्षेत्र के कई गांवों की बिजली लाइनें छह दशक पुरानी हो गई हैं। इन गांवों को अभी उत्तराखंड के नानकमत्ता से बिजली आपूर्ति दी जाती है लेकिन जरा सी हवा चलते ही लाइनों के तार टूट जाते हैं और आपूर्ति बाधित हो जाती है।

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गांव हरदासपुर, कोलारा, डांडी, बिरैहनी, कटैया पंडरी, बेला पोखरा, भरा पचपेड़ा गांव को उत्तर प्रदेश उत्तराखंड के बंटवारे के बाद भी उत्तराखंड से बिजली मिलती है। नानकमत्ता से इन गांवों में बिजली दी जाती है। विद्युत लाइनें 1962 में खींची गई थी, जो अब काफी जर्जर हो चुकी है। हल्की सी हवा चलते ही लाइनों के तार टूट जाते हैं। संबद्ध गांवों के उपभोक्ता बिल जमा करने में सबसे आगे रहते हैं परंतु पूरी बिजली उन्हें नहीं मिल पाती है। जनप्रतिनिधियों ने अनेक बार बिजली विभाग के अधिकारियों को पत्र देकर बिजली के खंभे समेत तार को बदलवाने की मांग की परंतु बिजली विभाग के अधिकारियों अब तक कोई ध्यान नहीं दिया है।

हरदासपुर निवासी पूर्व प्रधान दलजिदर सिंह का कहना है कि कई बार एसडीओ, एक्सईएन को पत्र देकर मांग की कि जर्जर तारों को बदलवाएं। जिससे ग्रामीणों को समय पर पूरी बिजली मिल सके। उन्होंने बताया कि उनका गांव समय पर बिजली का बिल जमा करता है।

बिरैहनी निवासी निवर्तमान प्रधान मल्लू का कहना है कि कई बार एसडीओ व जेई को ग्रामीण क्षेत्र की जर्जर तारों को बदलवाने की मांग की परंतु आज तक विभाग की ओर से तार नहीं बदलवाए गए ,जिसका खामियाजा गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

कोलारा निवासी ट्रांसपोर्ट गुरमेल सिंह का कहना है कि बिल जमा करने के बावजूद जर्जर तारों के कारण बिजली नहीं मिल पा रही है। बरसात आने पर बिजली बंद कर दी जाती है। लाइनों को जल्द बदलवाकर बिजली आपूर्ति नियमित सुनिश्चित कराई जानी चाहिए।

कोलारा हरदासपुर के निवर्तमान प्रधान बलजीत सिंह का कहना है कि दशकों से जर्जर लाइन से बिजली लेने को मजबूर हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लोग अनेक बार एसडीओ व अन्य अधिकारियों को लिखित रूप में मांग कर चुके लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। क्षेत्र के लोगों को बिजली उत्तराखंड से मिल रही है। बसरा बिजली घर से नहर पार से उनके लिए नई लाइन बनाई जाएगी। तब यह समस्या का निस्तारण हो पाएगा , क्योंकि पुरानी लाइन है फाल्ट हो जाता है, उसके बाद क्षेत्र के लोगों की लाइन बंद हो जाती है, इसके लिए सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है।

-दीपेश प्रताप सिंह,अवर अभियंता


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