रिपोर्ट निगेटिव, फेफड़ों में मिला वायरस
कोरोना वायरस की दूसरी लहर में नया स्ट्रेन अधिक खतरनाक साबित हो रहा है। नए स्ट्रेन के लक्षण भी बदले हुए मालूम हो रहे हैं। लक्षणों के बदलाव के साथ ही वायरस के नए स्ट्रेन के परिणाम घातक साबित हो रहे हैं। गंभीर स्थिति के मरीजों व मौतों में इजाफा हो रहा है।
पीलीभीत,जेएनएन: कोरोना वायरस की दूसरी लहर में नया स्ट्रेन अधिक खतरनाक साबित हो रहा है। नए स्ट्रेन के लक्षण भी बदले हुए मालूम हो रहे हैं। लक्षणों के बदलाव के साथ ही वायरस के नए स्ट्रेन के परिणाम घातक साबित हो रहे हैं। गंभीर स्थिति के मरीजों व मौतों में इजाफा हो रहा है।
वायरस के नए स्ट्रेन में कई मरीजों की एंटीजन व आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आ रही है, लेकिन उनका सीटी स्कैन कराने पर चेस्ट व फेफड़ों की स्थिति खराब मिल रही है। डाक्टर इसे कोरोना वायरस का असर बता रहे हैं। जनपद में अप्रैल की शुरुआत से अब तक इस तरह के लगभग आठ केस पाए जा चुके हैं। अस्पताल पहुंचने और जांच होने से पहले ही दम तोड़ने वालों को मिलाया जाए तो यह आंकड़ा दर्जन भर से अधिक हो सकता है।
जांच रिपोर्ट निगेटिव मिलने के बाद भी चार दिन में मरीज के फेफड़े वायरस के कब्जे में आ रहे हैं। यह शरीर में भयंकर निमोनिया बना रहे हैं। इन मरीजों की आरटीपीसीआर जांच में भी संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई है। जब इनका सीटी स्कैन कराया गया तो पता चला कि 60 से 70 फीसद फेफड़े संक्रमण की चपेट में हैं। ऐसे कई मरीजों की दो से चार दिनों में मौत होने के मामले भी सामने आए हैं। ऐसी अवस्था को गंभीरता से जोड़कर देखा जाता है। केस 1- मंगलवार को जिला अस्पताल में एक दंपति भर्ती हुआ। पिछले चार दिनों से बुखार की शिकायत थी। दोनों की एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आई। दिक्कत अधिक लगी तो चेस्ट का सीटी स्कैन कराया गया। दोनों के फेफड़ों में संक्रमण पाया गया। इससे पहले दंपति को कोई गंभीर बीमारी नहीं हुई थी। दोनों मरीजों को कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। केस2- मंगलवार को जनपद में तैनात एक कृषि अधिकारी जिला अस्पताल पहुंचे। उन्हें सर्दी, खांसी के साथ कफ की शिकायत थी। आक्सीजन लेवल कम होता गया तो तत्काल उनका एंटीजन टेस्ट किया गया जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। लक्षण प्रतीत होने पर सीटी स्कैन कराया गया जिसमें फेफड़े संक्रमित मिले। कृषि अधिकारी को कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। केस 3- जिला पंचायत व बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी की तबीयत बीते दो-तीन सप्ताह से खराब चल रही थी। रविवार को तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो जिला अस्पताल लाया गया। एंटीजन जांच में रिपोर्ट निगेटिव आई। सांस लेने में दिक्कत हो रही थी तो सीटी स्कैन कराया गया जिसमें फेफड़ों को काफी संक्रमित पाया गया। संक्रमित अधिकारी इस समय बरेली के एलथ्री अस्पताल में भर्ती हैं। केस 4- बिलसंडा के मुहल्ला हाथीखाना निवासी 30 वर्षीय व्यक्ति की पिछले शुक्रवार को तबीयत खराब हुई। बिलसंडा सीएचसी पर उसका एंटीजन टेस्ट किया गया जोकि निगेटिव आया। उसे जिला अस्पताल भेजा गया। यहां आते-आते उसका ऑक्सीजन लेवल घटकर 50 रह गया। आनन फानन में उसे भोजीपुरा स्थित मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। वहां सीटी स्कैन में पता चला कि उसके फेफड़े 80 फीसद तक खराब हो चुके हैं। उसी रात व्यक्ति की मौत हो गई। भाप लेना सबसे कारगर उपाय
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सीएमओ डॉ. सीमा अग्रवाल के मुताबिक कोरोना वायरस के बदले वेरिएशन व म्यूटेशन से खतरा बढ़ गया है। यह सीधे फेफड़ों पर असर कर रहा है। जांच रिपोर्ट निगेटिव आ रही हैं लेकिन स्कैन में संक्रमण की पुष्टि हो रही है। लोगों को सुबह-शाम 5-5 मिनट गर्म पानी की भाप जरूर लेनी चाहिए। यह बचाव का सबसे कारगर उपाय है। इसके अलावा आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन प्रतिदिन करें। आयुर्वेदिक कॉलेज से काढ़ा प्राप्त किया जा सकता है। अन्यथा घर में ही दालचीनी, लौंग, काली मिर्च, तुलसी आदि का मिश्रण तैयार कर पानी के साथ उबालें व सेवन करें। आवश्यक होने पर ही घर से बाहर जाएं। मास्क जरूर लगाएं। बाहर से आने के बाद कपड़े अलग रख दें। उन्हें धोएं व स्वयं भी साबुन से अच्छी तरह हाथ-पैर, मुंह धुलें। खुद से न करें इलाज, डाक्टर से लें परामर्श
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जिला अस्पताल के सीएमएस डा. रतनपाल सिंह सुमन ने बताया कि खांसी, जुकाम या बुखार हो तो डॉक्टर से सलाह लें। मेडिकल स्टोर या खुद से इलाज न करें। इसमें अच्छी एंटीबायोटिक आवश्यक होती हैं। डबल मास्क जरूरी हो गया है। एक डिस्पोजल व दूसरा सूती कपड़े का बना मास्क पहनें। शारीरिक दूरी का सख्ती से पालन करें। वायरस का बदलता स्वरूप नाक व गले की जगह सीधे फेफड़ों को संक्रमित कर रहा है। यह मरीजों में निमोनिया बना रहा है जिससे फेफड़े खराब हो रहे हैं। इसी वजह से आरटी-पीसीआर व एंटीजन जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं हो पा रही है। मरीज गंभीर हालत में अस्पताल आ रहा है। ऑक्सीजन लेवल दो दिनों में ही काफी कम हो जा रहा है। घर में रहकर सावधानी बरतना ही बचाव है।