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गो संरक्षण केंद्र में पशुओं को रखने से इन्कार

नगर के मुहल्ला कायस्थान में खोले गए अस्थाई गोशाला पर लाए गए आवारा पशुओं को यह कहकर रखने से मना कर दिया गया कि उनके लिए चारा पानी की व्यवस्था नहीं है यह हाल तब है जब पशुओं के चारे चिकित्सा सुविधा आदि के लिए शासन की तरफ से पहले ही धनराशि जारी कर चेकबुक संबंधित अधिकारियों को दे दी गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 11:33 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 07:50 AM (IST)
गो संरक्षण केंद्र में पशुओं को रखने से इन्कार
गो संरक्षण केंद्र में पशुओं को रखने से इन्कार

पूरनपुर (पीलीभीत) : नगर के मुहल्ला कायस्थान में खोले गए अस्थाई गोशाला पर लाए गए आवारा पशुओं को यह कहकर रखने से मना कर दिया गया कि उनके लिए चारा पानी की व्यवस्था नहीं है यह हाल तब है जब पशुओं के चारे, चिकित्सा सुविधा आदि के लिए शासन की तरफ से पहले ही धनराशि जारी कर चेकबुक संबंधित अधिकारियों को दे दी गई। पशुओं को रखने में साफ इंकार कर देने पर उन्हें घंटों गेट के सामने खड़ा रखा गया। अधिकारियों का यह रवैया शासन की गो संरक्षण मंशा पर पानी फेर रहा है।

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शासन ने आवारा और निराश्रित पशुओं के संरक्षण के लिए न्याय पंचायत स्तर पर गोशाला निर्माण के आदेश दिए हैं। कुछ जगह गोशाला का निर्माण भी कराया जा रहा है। नगर के मुहल्ला कायस्थान में भी अस्थाई गोशाला खोली गई है। बेसहारा पशुओं को रखने और उनके चारा, पानी, चिकित्सा आदि की सुविधाओं के लिए धनराशि भी जारी कर दी गई है। नगर पालिका, ग्राम पंचायत में समितियां गठित कर आवारा पशुओं को संरक्षण केंद्र में लाने के निर्देश दिए गए हैं। पहले अधिकारी पशुओं को पकड़कर न लाने की बात कहते रहे जब उन्हें लाया गया तो रखने से साफ इंकार कर दिया गया। कलीनगर तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत लालपुर के प्रधान मिलाप सिंह काफी मशक्कत के बाद आवारा और निराश्रित 28 पशुओं को पकड़कर पूरनपुर गोशाला लाए। कर्मचारी ने पशुओं की चारे, पानी की व्यवस्था न होने की जानकारी देकर रखने से साफ इन्कार कर दिया। जानकारी उन्होंने खंड विकास अधिकारी नीरज दुबे और उपमुख्य चिकित्साधिकारी डा. राजीव मिश्र को दी। वह भी दोनों स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। घंटों पशु ट्राली में लदे खड़े रहे। कोई निष्कर्ष न निकलने पर पशुओं को देवीपुर गोशाला भेज दिया गया। गोशाला में पशुओं को रखने के संबंधित कर्मचारी को निर्देश दिए गए थे। जिलाधिकारी की तरफ से पशुओं को रखने के लिए बजट मिलता है। गो संरक्षण के कर्मचारी को पशु के अनुसार चारे आदि का रुपया देने को कहा गया था। अगर पशु नहीं रखे गए हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी।

-नीरज दुबे, खंड विकास अधिकारी

पूरनपुर। नगर में खोली गई अस्थाई गोशाला पर 10 से 15 पशुओं को रखने की व्यवस्था है। अधिक पशुओं को देवीपुरा गोशाला भेजा जाता है। लालपुर के प्रधान 28 पशु लेकर आए थे। इतने पशु रखने में दिक्कत आ रही थी। सभी पशुओं को देवीपुर भेज दिया गया है।

-डॉ. राजीव मिश्र, उप मुख्य चिकित्साधिकारी पूरनपुर।


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