वीडियो फुटेज से तलाश किए जाएंगे अज्ञात लोग
बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या करने की घटना के अगले दिन मौके पर पहुंचकर शव का अंतिम संस्कार रुकवाने और मांगों को लेकर धरना में शामिल रहे जिन अज्ञात लोगों को मुकदमे में शामिल किया गया उनकी पहचान करने के लिए पुलिस वीडियो फुटेज खंगाल रही है।
पीलीभीत,जेएनएन : बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या करने की घटना के अगले दिन मौके पर पहुंचकर शव का अंतिम संस्कार रुकवाने और मांगों को लेकर धरना में शामिल रहे जिन अज्ञात लोगों को मुकदमे में शामिल किया गया, उनकी पहचान करने के लिए पुलिस वीडियो फुटेज खंगाल रही है।
माधोटांडा थाना क्षेत्र में छह नवंबर को सुबह बालिका का शव गन्ने के खेत में मिला था। पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों को शव देर शाम मिला, इसीलिए अगले दिन सात नवंबर को सुबह अंतिम संस्कार की स्वजनों ने तैयारी कर ली लेकिन इसी बीच कुछ लोगों ने पकड़े गए युवक को निर्दोष बताते हुए छोड़ने की मांग की और अंतिम संस्कार रुकवा दिया था। तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया कि किसी निर्दोष को जेल नहीं भेजा जाएगा तब लोग अंतिम संस्कार को राजी हो गए थे। इसी बीच सपा नेताओं के अलावा पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा,हाजी रियाज अहमद, पूर्व विधायक पीतमराम व निर्वतमान जिलाध्यक्ष आनंद सिंह यादव कार्यकर्ताओं के साथ वहां पहुंचे। उन्होंने अंतिम संस्कार रुकवाकर मांग कर दी कि पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। इस मांग को पूरा कराने के लिए वह कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए। इस मामले में थाना पुलिस ने दोनों पूर्व मंत्रियों, निवर्तमान जिलाध्यक्ष समेत सात सपाइयों तथा 33 अज्ञात लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने और महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। जिन 33 अज्ञात लोगों को मुकदमे में शामिल किया गया है, उनकी पहचान वीडियो फुटेज से कराने के प्रयास हो रहे हैं। थाना प्रभारी निरीक्षक रामसेवक के अनुसार वीडियोग्राफी कराई गई थी, उसी में देखकर धरने में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है।