टाइगर रिजर्व की प्रत्येक रेंज का बनेगा क्राइम प्रोफाइल
पीलीभीत : पीलीभीत टाइगर रिजर्व की प्रत्येक वनरेंज का दस साल का क्राइम प्रोफाइल बनाया जाएगा, जि
पीलीभीत :
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की प्रत्येक वनरेंज का दस साल का क्राइम प्रोफाइल बनाया जाएगा, जिससे शिकारियों पर पैनी नजर रखी जा सकेगी। क्राइम प्रोफाइल में शिकारियों का फोटो और उंगली के निशान लगाए जाएंगे। इससे शिकारियों की बेहतर ढंग से मॉनीट¨रग की जा सकेगी। इस संबंध में फील्ड डायरेक्टर ने डिप्टी डायरेक्टर को कड़े निर्देश दिए हैं।
टाइगर रिजर्व क्षेत्र में माला, महोफ, हरीपुर, बराही, दियोरिया कलां, सामाजिक वानिकी प्रभाग पीलीभीत, शाहजहांपुर जनपद की खुटार रेंज का जंगल शामिल हैं। टाइगर रिजर्व के जंगल में बाघ समेत अन्य वन्यजीवों के शिकार की घटनाएं प्रकाश में आई है। इन घटनाओं में दर्जनों शिकारियों को जेल भेजा जा चुका है। कुछ लोगों को न्यायालय से जमानत मिल चुकी है। टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर डॉ.एच.राजामोहन ने सभी वनरेंजों में शिकारियों का क्राइम प्रोफाइल बनाने के निर्देश दिए हैं। फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि वनरेंज वार दस सालों का क्राइम प्रोफाइल बनवाने के निर्देश दिए हैं, जिसमें शिकारियों के फोटो व उंगली के निशान लगाए जाएंगे। अगर कोई निशान नहीं मिलता है, तो नाम ही बनवाया जाएगा। क्राइम प्रोफाइल बन जाने से वन अपराधियों पर कड़े ढंग से नजर रखी जा सकेगी। जमानत पर छूटने के बाद वन अपराधी क्या कर रहे हैं। बड़े वन कटान के अपराधी भी क्राइम प्रोफाइल में शामिल किया जाएगा। यह प्रोफाइल पहली बार बनाया जा रहा है, जिसमें वाइल्ड लाइफ के केस के अलावा अन्य केस भी शामिल किए जाएंगे। इंसेट-----
जमानत पर छूटने पर वालों पर रहेगी नजर
टाइगर रिजर्व के जंगल में वन अपराध करने वाले शिकारियों को जेल भेजने की कार्रवाई की जाती है। न्यायालय से जमानत मिलने के बाद टाइगर रिजर्व शिकारी पर नजर नहीं रखता है। इस वजह से दुबारा वन्यजीव शिकार की घटना कर देता है। क्राइम प्रोफाइल बनने के बाद जमानत पर छूटने वाले अपराधियों पर नजर रखी जा सकेगी।