पीलीभीत को ईको मॉडल जिला बनाने की जरूरत
रिटायर्ड आइएएस अधिकारी और पूर्व प्रमुख सचिव डॉ.कमल टॉवरी ने एक दिवसीय भ्रमण के दौरान पीलीभीत को ईको फ्रेंडली जिला बनाने की कवायद की।
पीलीभीत : रिटायर्ड आइएएस अधिकारी और पूर्व प्रमुख सचिव डॉ.कमल टॉवरी ने एक दिवसीय भ्रमण के दौरान पीलीभीत जनपद को ईको मॉडल जिला बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ने जाने की दिशा में काम किया जाए, तभी जीवन स्तर को ऊंचा उठाया जा सकता है। उन्होंने आने वाले समय में रूरल बिजनेस हब कार्यालय खोले जाने की बात कही है।
रिटायर्ड आइएएस डॉ.टॉवरी ने कहा कि वर्ष 1997 में ईको फ्रेंडली मॉडल पर काम शुरू किया गया था, जब भारत सरकार में सचिव था। आज गांवों के विकास करने की जरूरत है, तभी देश का विकास संभव है। लोगों से अपील की कि वह अपने को पहचानने का काम करें, क्योंकि यहां पर हर धर्म, जाति के लोग निवास करते हैं। आम जनता सम्मानपूर्वक जीवन जी रही है। आज संस्कृति और भाषा को बचाने की दिशा में काम किया जाए। पीलीभीत ईको मॉडल जिला बने, जिससे बाहर के लोग यहां भ्रमण करने के लिए आएं। उन्होंने कहा कि लोगों को भटकाव से बाहर निकाला जाना चाहिए। उनके जीवन स्तर की दिशा में काम किया जाए। सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारा जाए, तभी असल में लाभ लोगों को मिल सकेगा। रोजगार के विकल्प को तलाशा जाना चाहिए, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके। पर्यावरणपूरक रोजगार शुरू करना चाहिए। जनपद में रूरल बिजनेस हब खोला जाएगा, जहां पर लोगों को रोजगार के बारे में बताया जाएगा। हम सभी को ग्रासरूट को मजबूत करना चाहिए। सरकारी विभागों को छोटा किया जाए, तभी विकास संभव है। इसके बाद टांडा बिजैसी के प्रगतिशील किसान वीरपाल चौधरी, पर्यावरण¨चतक परवेज हनीफ समेत कई प्रबुद्ध लोगों से जनपद के संबंध वार्ता की।