Pilibhit Crime: दर्द से तड़पती रही मासूम और लोग बनाते रहे वीडियो, अस्पताल ले जाने के बजाए पूछते रहे सवाल
Pilibhit Crime अनम हत्याकांड में पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हुई है। अनम असहनीय दर्द से बुरी तरह तड़प रही थी लोग उसे अस्पताल ले जाने के बजाय उससे पूछ रहे थे कि उसे किसने मारा है। साथ ही मोबाइल से वीडियो भी बना रहे थे।
पीलीभीत, जागरण संवाददाता: बुरी तरह से घायल अनम असहनीय दर्द से तड़प रही थी। उसके मुंह से बोल नहीं निकल रहा था। इस बीच मौके पर पहुंचे परिवार व गांव के लोग तत्काल उसे अस्पताल ले जाने के बजाय उससे पूछ रहे थे कि उसे किसने मारा है। साथ ही मोबाइल से वीडियो भी बना रहे थे। अत्यधिक पीड़ा के कारण वह स्पष्ट रूप से कुछ बता नहीं पा रही थी। उन लोगों के सामने ही बालिका ने दम तोड़ दिया था।
अनम हत्याकांड में पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हुई है लेकिन अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। आरोपित सहित पीड़ित पक्ष के लोगों से पुलिस टीम गहन पूछताछ करने में जुटी हुई है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सीओ सदर प्रतीक दहिया के नेतृत्व में एसओजी, सर्विलांस, टीम के साथ थाना सुनगढ़ी प्रभारी एवं अमरिया थाना प्रभारी को घटना के खुलासे के लिए चार टीमें लगाई गई हैं।
थाना क्षेत्र के गांव माधोपुर निवासी अनीस अहमद की दस वर्षीय पुत्री अनम बी अपने चाचा शादाब, चचेरी बहन हुमैरा के साथ शुक्रवार शाम के समय गांव से एक किलोमीटर दूर सरैंदा पट्टी में चल रहे उर्स में मेला देखने गई थी। मेले में घूमने के बाद वहां अपने दादा शहजादे की चाय की दुकान पर बैठी थी।
शाम सात बजे के बाद बालिका अनम अचानक दुकान से लापता हो गई थी। जिसको काफी तलाश किया गया लेकिन कोई पता नहीं चल सका। अगले दिन शनिवार को सुबह बच्ची को तलाश करने के लिए स्वजन निकले। गांव से लगभग 500 मीटर दूरी पर नईम के खेत में बच्ची पड़ी हुई मिली थी। जिसका पेट फटा हुआ था। शरीर के अन्य हिस्सों पर भी चोट से निशान थे। फिर भी बच्ची उस वक्त जीवित थी। परिवार व गांव के लोग तड़प रही बालिका से पूछते रहे कि उसे किसने मारा है। साथ ही मोबाइल से वीडियो बनाने में व्यस्त रहे। तत्काल बालिका को अस्पताल नहीं ले जाया गया। समय से इलाज मिलता तो शायद मासूम बालिका की जान बच सकती थी।
एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। जिसमें बच्ची से पूछा जा रहा है तुझे किसने मारा है। बच्ची बोलने का प्रयास करती रही लेकिन हालत गंभीर होने पर स्पष्ट नहीं बोल पा रही थी। सुबह तक बच्ची के जीवित रहने से ऐसा माना जा रहा है सुबह होने से पहले घटना को अंजाम दिया गया। पूरी रात बच्ची को कहीं बंधक बनाकर रखा गया।
अनीस अहमद के दो बच्चे थे अनम बी भाई फैज से एक वर्ष छोटी थी। गांव के सरकारी स्कूल में कक्षा दो में पढ़ती थी। उधर, शनिवार को नामजद अभियोग पंजीकृत होने के बाद पुलिस ने रात में ही आरोपित को हिरासत में ले लिया था।
रविवार को सुबह पुलिस ने मृतक बालिका के पिता परिवार के अन्य सदस्यों को थाने बुला लिया। दोनों पक्षों के लोगों से पुलिस की टीमें गहन पूछताछ करने में जुटी हुई हैं। सीओ सदर प्रतीक दहिया ने बताया चार टीमें गठित की गई हैं। घटना से संबंधित हर पहलू पर छानबीन की जा रही है। जल्द ही घटना का राजफाश हो जाएगा।