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आबादी के साथ शहर बढ़ा पर सुविधाएं नहीं

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पीलीभीत जिले की आबादी लगभग 21 लाख पहुंच गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 11:07 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 11:07 PM (IST)
आबादी के साथ शहर बढ़ा पर सुविधाएं नहीं
आबादी के साथ शहर बढ़ा पर सुविधाएं नहीं

पीलीभीत : वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की आबादी लगभग 21 लाख पहुंच गई। शहर की आबादी में भी बढ़ोतरी हुई। वर्तमान में शहर की आबादी करीब ढाई लाख हो गई है। बढ़ती आबादी की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए नई कॉलोनियां तो कई विकसित हो गईं लेकिन नागरिक सुविधाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। कई नई कॉलोनियों मे नगर पालिका परिषद की जलापूर्ति पहुंचाने की व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है। अलबत्ता लोगों की औसत आमदनी में जरूर बढ़ोतरी हुई है। सरकारी कर्मचारियों के अलावा प्राइवेट नौकरी करने वालों के भी वेतन में बढ़ोतरी हुई। व्यापार करने वालों का भी मुनाफा बढ़ा। मजदूरी की दरों में भी वृद्धि हुए है लेकिन इसके साथ ही महंगाई की वजह से लोगों का खर्च भी बढ़ गया है। रोजगार के नए अवसर बढ़ाने के लिए जनप्रतिनिधियों और सरकार की ओर से दावे तो खूब किए गए लेकिन कोई खास बढ़ोतरी नहीं हो सकी। स्वरोजगार की वही पुरानी योजनाएं संचालित हो रही हैं। कौशल विकास केंद्र तो खुले लेकिन युवाओं को अभी उनसे कोई खास फायदा मिलना शुरू नहीं हो सका है। टेक्नालॉजी का बढ़ा दायरा

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टेक्नालॉजी का दायरा काफी बढ़ा है। कलक्ट्रेट के कई अनुभाग ई-डिस्ट्रिक्ट स्कीम के दायरे में आ चुके हैं। वहां सभी कार्य पेपरलेस हो गए हैं। सिर्फ कंप्यूटर के माध्यम से ही सारा कामकाज संचालित हो रहा है। डीएम कार्यालय में कर्मचारियों के अवकाश संबंधी सारी प्रक्रिया के साथ ही हैसियत प्रमाणपत्र का मामला भी ऑनलाइन हो चुका है। शासन की कई योजनाओं से लेकर राशन कार्ड बनवाने, ड्राइ¨वग लाइसेंस बनवाने, विभिन्न तरह के प्रमाणपत्र आदि कार्य ऑनलाइन हो रहा है। शिक्षा के स्तर में अपेक्षित सुधार नहीं

शिक्षा के स्तर में अपेक्षित सुधार फिलहाल नहीं हो पाया है। खासकर बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता अभी भी निम्न स्तर की है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चो की शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के प्रयास तो हुए। इसी के तहत बेसिक शिक्षा परिषद ने जिले भर में 40 मॉडल स्कूल विकसित किए। इन स्कूलों में जरूर शैक्षिक सुधार की कुछ पहल हुई है। शेष 1200 से अधिक प्राइमरी स्कूल पुराने ढर्रे पर ही संचालित हो रहे हैं। जिले के 570 जूनियर हाईस्कूलों की भी यही हाल है। प्राइवेट स्कूलों की शिक्षा का स्तर बेहतर है लेकिन महंगी फीस के कारण तमाम बच्चो को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। योग के जरिये सेहत सुधारने की पहल

सेहत के प्रति लोगों में जागरूकता आई है। तन-मन को स्वस्थ रखने के लिए लोगो का योग के प्रति रुझान बढ़ा है। भारतीय योग संस्थान, पतंजलि योग समिति के साथ ही सरकारी स्तर पर भी योग के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम हुआ है। लगभग हर हाथ में आ चुका है मोबाइल

मोबाइल का दायरा तो लगातार बढ़ा है। लगभग हर हाथ में मोबाइल दिखाई पड़ रहा है। मजदूर से लेकर रिक्शा चालक तक मोबाइल की पहुंच हो गई है। स्कूली बच्चे तक मोबाइल के बिना नहीं रह सकते। हालत यहां तक हो गई है कि परिवार में अगर चार सदस्य हैं, तो सभी के पास अपना मोबाइल मौजूद है। इंटरनेट के लगातार बढ़ रहे यूजर

मोबाइल के साथ ही इंटरनेट के यूजर भी बढ़ रहे हैं। एंड्रायड मोबाइल गांव-गांव पहुंच चुके हैं। इनके सहारे वाट्सएप का दायरा भी काफी बढ़ गया है। फेसबुक पर भी जिले की लोगों की मौजूदगी लगातार बढ़ रही है। कुल आबादी का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहा है। दायरा भी लगातार बढ़ रहा है। आने वाले समय में इंटरनेट प्रत्येक व्यक्ति की पहुंच में होगा।


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