हाथियों के मूवमेंट से अमरिया क्षेत्र में दहशत
उत्तराखंड के सितारगंज क्षेत्र के गांव मनकरा हरदुआ व बरेली जिले के बहेड़ी के गांव सिली जागीर गांव तक दो दिन पहले जंगल से निकलकर तीन हाथी पहुंच गए थे जिससे खलबली मच गई। अमरिया सीमावर्ती गांवों में भी लोग हाथियों को लेकर आशंकित हो गये है।
पीलीभीत,जेएनएन : उत्तराखंड के सितारगंज क्षेत्र के गांव मनकरा हरदुआ व बरेली जिले के बहेड़ी के गांव सिली जागीर गांव तक दो दिन पहले जंगल से निकलकर तीन हाथी पहुंच गए थे, जिससे खलबली मच गई। अमरिया सीमावर्ती गांवों में भी लोग हाथियों को लेकर आशंकित हो गये है। अमरिया क्षेत्र की सीमा पर जंगली हाथियों की सूचना मिलने पर वनविभाग सतर्क हो गया उत्तराखंड पीलीभीत बार्डर पर वनविभाग की टीम को तैनात कर हाथियों की निगरानी में लगा दिया गया हालांकि हाथी यूपी में प्रवेश नहीं कर सके उत्तराखंड की तरफ को चले गए जिससे वनविभाग ने राहत की सांस ली एहतियात के तौर पर अभी भी वनकर्मियों की टीम क्षेत्र के कटयैया पंडरी भदसरा में तैनात है। कभी भी हाथी लौट सकते हैं इसलिए निगरानी कराई जा रही है। एक वर्ष पहले भी सुरई रेंज के जंगल से दो हाथी निकलकर अमरिया के गांव भूड़ाकैमोर में पहुंच गए थे जिन्होंने गन्ने की फसल को रौंद डाला था मुश्किल से हाथियों को भगाया गया था जो सितारगंज के सरकड़ा गांव के पास पापुलर के खेतों में घुस गये थे बाद में बहेड़ी क्षेत्र के रास्ते निकल गये थे।
जंगल से निकलकर तीन हाथी दो दिन पहले सितारगंज क्षेत्र में पास के गांव मनकरा हरदुआ में देखे गए थे जिससे लोग भयभीत थे हाथी उत्तराखंड को वापस चले जाने से राहत मिली है
लखविदर सिंह
रविवार को बहेड़ी उत्तराखंड की सीमा पर बहेड़ी क्षेत्र के सिली जागीर में हाथियों की सूचना थी हाथी वापस सितारगंज क्षेत्र में प्रवेश कर गए फिर भी एहतियात बरती जा रही है
राजकुमार भारती
सितारगंज क्षेत्र में अमरिया के सीमावर्ती क्षेत्र में जंगल से निकलकर हाथी पहुंच गए थे जिससे दहशत फैल गई थी हालांकि हाथी अधिक नहीं रूके थे वापस उत्तराखंड को चले गए थे ग्रामीण चौकन्ने हो गये हैं भगाने के लिए तैयार बैठे हैं।
गुरुजाप सिंह अमरिया सीमावर्ती गांवों के पास रविवार को सितारगंज क्षेत्र में तीन हाथी पहुंच गए थे अमरिया क्षेत्र में हाथी प्रवेश न कर सके इसके लिए वनकर्मियो की टीम निगरानी के लिए तैनात की गई है। हाथी वापस सितारगंज क्षेत्र में लौट गए हैं जो कभी भी वापस लौट सकते हैं। जिसके अभी भी वनकर्मियों की टीम निगरानी में लगी हुई है।
देवेंद्र पाल सिंह, डिप्टी रेंजर समाजिक वानिकी