तीसरी सूची में शामिल लोगों को अभी शौचालय का लाभ नहीं
सामाजिक आर्थिक गणना से तैयार वर्ष 2012 की बेसलाइन सर्वे सूची में शामिल सभी परिवारों को अनुदान पर शौचालय का लाभ पिछले साल ही मिल चुका है। उसके बाद बेसलाइन सर्वे में शामिल होने से वंचित रहे परिवारों के लिए तैयार कराई गई दूसरी सूची में शामिल 70 हजार 960 परिवारों को भी दस-दस हजार रुपये की पहली किस्त देकर शौचालय बनवा दिए गए। हालांकि इन लाभार्थियों को अभी दो-दो हजार रुपये की अंतिम किस्त का इंतजार है। अलबत्ता उनके घरों में शौचालय बन चुके हैं। अब तीसरी सूची तैयार की गई है। इसमें ऐसे परिवारों को शामिल किया जाना बताया जा रहा है कि जो पिछली दोनों सूचियों में स्थान पाने से वंचित रह गए। इस तीसरी सूची में कुल 27 हजार 368 परिवार शामिल हैं लेकिन इनके लिए अनुदान का बजट स्वीकृत करने से पूर्व शासन ने पात्रता का सत्यापन कराने की शर्त जोड़ दी है।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : सामाजिक आर्थिक गणना से तैयार वर्ष 2012 की बेसलाइन सर्वे सूची में शामिल सभी परिवारों को अनुदान पर शौचालय का लाभ पिछले साल ही मिल चुका है। उसके बाद बेसलाइन सर्वे में शामिल होने से वंचित रहे परिवारों के लिए तैयार कराई गई दूसरी सूची में शामिल 70 हजार 960 परिवारों को भी दस-दस हजार रुपये की पहली किस्त देकर शौचालय बनवा दिए गए। हालांकि इन लाभार्थियों को अभी दो-दो हजार रुपये की अंतिम किस्त का इंतजार है। अलबत्ता उनके घरों में शौचालय बन चुके हैं। अब तीसरी सूची तैयार की गई है। इसमें ऐसे परिवारों को शामिल किया जाना बताया जा रहा है कि जो पिछली दोनों सूचियों में स्थान पाने से वंचित रह गए। इस तीसरी सूची में कुल 27 हजार 368 परिवार शामिल हैं लेकिन इनके लिए अनुदान का बजट स्वीकृत करने से पूर्व शासन ने पात्रता का सत्यापन कराने की शर्त जोड़ दी है। ऐसे में सत्यापन कार्य कराने में समय लग सकता है। इसलिए तीसरी सूची में शामिल लोगों को शौचालय अनुदान पाने के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। जिला पंचायत राज अधिकारी प्रमोद कुमार यादव का कहना है कि जल्द ही सत्यापन कार्य शुरू कराया जाएगा। सत्यापन की रिपोर्ट जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजी जाएगी।
कुछ को मिला तो बाकी अभी शौचालय का इंतजार
घुंघचाई : शौचालय योजना का लाभ किसी को मिल चुका है तो कोई अभी उसके इंतजार में है। कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने शौचालयों का तो निर्माण करा लिया है लेकिन उसका उपयोग करने से कतराते नजर आ रहे हैं। हालांकि गांव में अस्सी फीसदी लोगों को शौचालय मिल चुके हैं।
गांव में करीब 85 फीसद परिवारों को शौचालय योजना का लाभ मिल चुका है। अभी 15 फीसद ऐसे लोग हैं, जिनकी सूची शासन स्तर पर भेजी गई है। जल्द ही उन्हें भी योजना का लाभ मिल सकेगा। जिन लोगों के शौचालय नहीं बने हैं, वह बाहर जाने को मजबूर हैं। प्रधानपति वीरेंद्र सिंह ध्रुव ने बताया कि तीन सौ लोगों को शौचालय योजना का लाभ मिल चुका है। साढ़े तीन सौ लोगों की सूची भेजी गई थी। जिसमें कुछ लोगों का रुपया आ गया है। लोगों को योजना का जल्द से जल्द लाभ मिल सके, इसका प्रयास किया जा रहा है।
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शौचालय न होने से काफी दिक्कतें आती हैं। खुले में शौच को जाना पड़ता है। पति द्वारा आवेदन भी किया गया था लेकिन पता नहीं न जाने किन कारणों से अभी तक शौचालय नहीं मिल पाया है।
माया देवी
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कई बार आवेदन शौचालय के लिए किया लेकिन मांग के बावजूद अभी तक शौचालय नहीं मिल पाया है। इसके चलते खुले में शौच को जाना पड़ रहा है। इससे काफी परेशानी हो रही है।
लेखराज
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शासन की बहुत अच्छी योजना है। परिवार से अलग होने के बाद शौचालय बनाना काफी कठिन लग रहा था लेकिन आवेदन के बाद शौचालय आवंटित हो गया। पहली किस्त के दस हजार प्राप्त हो गए हैं। दो हजार आना बाकी है।
कमलेश पाल
चाचा के घर जाकर करते हैं शौचालय का उपयोग
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शरीर से दिव्यांग हूं लेकिन अभी तक शौचालय का लाभ नहीं मिल सका है। गांव में अपने चाचा के घर जाकर उनके शौचालय का इस्तेमाल करता हूं। कई बार शौचालय के लिए सूची में अपना नाम शामिल कराने का प्रयास किया लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है।
डोरीलाल, ग्राम अंटा गौंटिया (अमरिया)
कर्ज लेकर बनवाना पड़ा शौचालय
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शौचालय बनवाने के लिए अनुदान पाने को कई बार प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंतत: कर्ज लेकर घर में शौचालय बनवाया है। शौचालय के लिए अनुदान देने में भेदभाव बरता गया है। इसी वजह से मुझे लाभ नहीं मिल पाया है।
चंद्रपाल, ग्राम कैंचू टांडा (अमरिया)