Move to Jagran APP

साठा की जगह मूंग, मक्का बेहतर फसलें

किसानों को गेहूं से खाली हुए खेतों में मूंग मक्का या मैंथा की खेती करना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 11:27 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 06:29 AM (IST)
साठा की जगह मूंग, मक्का बेहतर फसलें
साठा की जगह मूंग, मक्का बेहतर फसलें

जेएनएन, पीलीभीत : तराई के जिले में साठा धान की फसल न सिर्फ भूजल को प्रभावित करती है बल्कि यह जमीन की सेहत के लिए भी ठीक नहीं है। ऐसे में किसानों को गेहूं से खाली हुए खेतों में मूंग, मक्का या मैंथा की खेती करना चाहिए। इससे जमीन की सेहत भी बची रहेगी और साथ ही भूजल का अंधाधुंध दोहन भी नहीं होगा। बुधवार को दैनिक जागरण के साप्ताहिक कार्यक्रम प्रश्न पहर में टेलीफोन पर सुधी पाठकों के सवालों के जवाब देते हुए राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र सिंह ढाका ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गेहूं के बाद साठा धान और फिर इसके तुरंत बाद खरीफ धान की फसल लेना अनुचित है। इससे फसल चक्र प्रभावित होता है। साथ ही खराफ धान की फसल में कीट और बीमारियां ज्यादा लगती हैं। तब किसानों को इनकी रोकथाम के लिए फसल में ज्यादा लागत खर्च करना पड़ता है। इसका सबसे बेहतर उपाय यही है कि खरीफ धान तक खेत की जुताई करके खाली छोड़ दें। अथवा मूंग या मक्का जैसी फसलें करें, जो साठ से पैंसठ दिन में तैयार हो जाती हैं।

loksabha election banner

----------------------------

सवाल : गेहूं की कटाई हो चुकी है। खाली हुए खेतों में अब कौन की सफल करना अच्छा रहेगा।

रामदीन, बरखेड़ा

जवाब : आप अपने खेत में मूंग की फसल कर सकते हैं। विराट मूंग का बीज लेकर बुवाई करें तो साठ से पैंसठ दिनों में फसल तैयार हो जाएगी। इसके बाद खरीफ धान की फसल कर सकते हैं।

सवाल : साठा धान की खेती यहां तमाम किसान करते हैं। इससे क्या नुकसान हो सकता है।

रामस्वरूप, बीसलपुर

जवाब : साठा धान की खेती बिल्कुल नहीं करना चाहिए। क्योंकि उसमें तेज गर्मी के कारण बार-बार सिचाई करनी पड़ती है। इससे भूगर्भ जल का दोहन होता है, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। इसकी बजाय मूंग या मक्का की फसल लेना चाहिए।

सवाल : गेहूं की कटाई हो चुकी है। फसल को हाथों से कटवाया है। इससे भूसा भी मिल गया। अब क्या करना चाहिए।

संजीव कुमार, ग्राम मुसेली

जवाब : अब खेत में मल्चर मशीन चलवा दें। इसके बाद खेत की जुताई कर दें। बाद में पानी भर दें और बीस किलो यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। इसके बाद मूंग की फसल लें अथवा खरीफ धान के लिए खेत खाली छोड़ दें।

सवाल : पूरनपुर क्षेत्र में साठा धान की सबसे ज्यादा खेती होती है। इसके क्या क्या नुकसान हैं।

परमजीत सिंह, पूरनपुर

जवाब : इससे फायदा कम और नुकसान ज्यादा है। क्योंकि पानी की बहुत जरूरत पड़ती है। साठा के बाद जब खरीफ धान लगाएंगे तो उसमें कीट और रोग ज्यादा लगेंगे। खेत खाली छोड़ दें या फिर मूंग व मक्का की फसल कर सकते हैं। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी।

-------------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.