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साठा धान से ज्यादा फायदा देगी मूंग की फसल

तेज गर्मी के मौसम में साठा धान की खेती में भूजल का अंधाधुंध दोहन होता है। जल स्तर में गिरावट आ जाती है। साथ ही साठा के तुंरत बाद खरीफ धान की फसल करने से खेत की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है। ऐसे में किसानों को गेहूं की कटाई करके खाली खेतों में मूंग अथवा उड़द की फसल करना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 10:51 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 06:28 AM (IST)
साठा धान से ज्यादा फायदा देगी मूंग की फसल
साठा धान से ज्यादा फायदा देगी मूंग की फसल

पीलीभीत : तेज गर्मी के मौसम में साठा धान की खेती में भूजल का अंधाधुंध दोहन होता है। जल स्तर में गिरावट आ जाती है। साथ ही साठा के तुंरत बाद खरीफ धान की फसल करने से खेत की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है। ऐसे में किसानों को गेहूं की कटाई करके खाली खेतों में मूंग अथवा उड़द की फसल करना चाहिए। इन फसलों में साठा धान की तुलना में लागत कम आती है और मुनाफा अधिक होता है। बुधवार को दैनिक जागरण के साप्ताहिक कार्यक्रम प्रश्न पहर में राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नलिन चंद्र त्रिपाठी ने टेलीफोन पर सुधी पाठकों के सवालों के जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि जो किसान गन्ना की वसंतकालीन बुवाई कर चुके हैं, वे पौधे उग आने के बाद पहली सिचाई करके 30 से 35 किग्रा यूरिया लगाएं। अप्रैल से जून तक गन्ने की बढ़वार के लिए अनुकूल समय होता है। उन्होंने किसानों को फसल के अवशेष निस्तारण के उपाय बताते हुए कहा कि गेहूं कटाई के बाद नरई को खेत में न जलाएं, इससे बहुत नुकसान होता है। मिट्टी में मौजूद मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं। जमीन की उर्वरा शक्ति भी क्षीण होने लगती है। इसके लिए मल्चर का प्रयोग करें, इसके उपयोग से मिट्टी में मौजूद नमी संरक्षित रहती है। इसी तरह रिवर्सिल प्लो नामक यंत्र से भी अवशेष का निस्तारण किया जा सकता है। यह फसल के अवशेष को गहरी जुताई करके अवशेष को मिट्टी में अच्छी तरह दबा देता है।

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सवाल : गेहूं की बालियों का रंग सुनहरा होने लगा है। ऐसे में फसल में अब सिचाई करना चाहिए अथवा नहीं।

ध्रुव सिंह, ग्राम तुलसीपुर

जवाब : अगर खेत में नमी है तो फिर अब सिचाई करने की कोई जरूरत नहीं है। अब नमी नहीं रह गई है तो शाम के समय जब हवा न चल रही हो, तब हल्की सिचाई कर दें।

सवाल : जलवायु परिवर्तन का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।

डॉ. प्रदीप सक्सेना, गोदावरी इस्सेट

जवाब : पर्यावरण प्रदूषण, फसलों में रसायनिक प्रयोग आदि से जलवायु परिवर्तन हो रहा है। इसका मानव जीवन पर भी गहरा असर पड़ रहा है। इसीलिए जैविक खेती पर जोर दिया जा रहा है।

सवाल : एक एकड़ खेत में अभी गन्ना की बुवाई करना है लेकिन खेत में दमक की समस्या पैदा हो गई है। इसके लिए क्या करना चाहिए।

बसंत कुमार मिश्र, ग्राम रोहनिया

जवाब : इसके लिए जैविक दवा है। जिसका नाम है बिवैया बेसियाना। दो किलो प्रति एकड़ की दर से 20 से 25 किलो गोबर की खाद में मिलाकर पहले खेत में डाल दें। इससे दीमक नष्ट हो जाएगी।

सवाल : एक एकड़ खेत में भिडी की फसल कर रखी है। पौधों में फूल आने लगे हैं लेकिन साथ ही पत्ते कटने, फटने लगे हैं। क्या करना चाहिए।

राजकुमार, ग्राम विधिपुर

जवाब : एक लीटर नीम का तेल खरीद दें। सौ से डेढ़ सौ लीटर पानी में इस तेल को मिलाकर दस दिन के अंतराल पर कई बार पौधों पर स्प्रे कर दें। इसके कीट खत्म हो जाएगा।

सवाल : गन्ना की फसल में सूड़ी लग रही है। क्या उपचार करना चाहिए।

मनप्रीत सिंह, पूरनपुर

जवाब : कारटॉप 4जी सौ ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से डेढ़ से दो सौ लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर स्प्रे कर देना चाहिए।


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