मझोला में बंदरों का आतंक,जीना मुश्किल
यूपी-उत्तराखंड की सीमा पर स्थित कस्बा मझोला में उत्पाती बंदरों के आतंक से लोग परेशान हैं। बंदर आएदिन बच्चों से लेकर बड़ों पर हमला कर घायल कर रहे हैं। हालात यह है कि कोई भी अकेला पुरुष बच्चा महिला गली से निकल नहीं सकता।
संवाद सूत्र, मझोला (पीलीभीत) : यूपी-उत्तराखंड की सीमा पर स्थित कस्बा मझोला में उत्पाती बंदरों के आतंक से लोग परेशान हैं। बंदर आएदिन बच्चों से लेकर बड़ों पर हमला कर घायल कर रहे हैं। हालात यह है कि कोई भी अकेला पुरुष बच्चा महिला गली से निकल नहीं सकता। खुले आंगन में बच्चे खेल नहीं सकते। महिलाएं छतों पर कपड़े सुखाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही हैं। उत्पाती बंदर घरों के भीतर घुसकर पानी की टोटियां, बिजली के मीटर, सोलर लाइटों को तोड़कर रोजाना ही नुकसान कर रहे हैं। कस्बा में बंदरों की संख्या लगभग 200 के पार हो चुकी है। बंदरों के झुंड गली घरों में घूमते हैं। उत्पाती बंदर दुकानों में रखे सामान तथा फलों उठा लेते हैं। जब कोई उनको भगाने की कोशिश करता है तो बंदर हमला करने को उतारू हो जाते हैं। सभासदों ने नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी का प्रभार संभाल रहे एसडीएम अमरिया जंग बहादुर यादव को डीएफओ संजीव कुमार के नाम पत्र सौंपकर बंदरों को पकड़वाने की अनुमति मांगी है। फोटो 19 पीआएलपी 11
-नगर पंचायत बोर्ड बैठक में अनेक बार बंदरों के आतंक का मुद्दा उठाया। यह गंभीर समस्या है। उत्पाती बंदरों को वन विभाग की टीम पकड़कर सुरक्षित जंगल में छुड़वाया जाए। सतीश अग्रवाल, सभासद फोटो 19 पीआएलपी 12
-बंदर आएदिन घरों का सामान उठा ले जाते हैं। पानी की टंकी या तोड़ देते हैं। बच्चों पर हमला करते हैं। नगर पंचायत बोर्ड की बैठक में कई बार इस मुद्दे को उठाया जा चुका है।
-पूजा बड़गोती, सभासद फोटो 19 पीआएलपी 13
-बंदर नगर में इस कदर बढ़ चुके हैं कि लोग अपने को असुरक्षित महसूस करते हैं। कमरे से बाहर बच्चे निकल नहीं सकते हैं। लोगों का रास्ता चलना भी दुश्वार कर देते हैं।
-हरदेव सिंह नेगी, व्यापारी नेता फोटो 19 पीआएलपी 14
-बंदरों ने रेलिग दीवार तक तोड़ दी है। कई बार बच्चों पर हमला कपड़े फाड़ देना तो आम हो गया है। बंदरों को पकड़वा कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाए।
- उषा भाटिया, गृहणी -नगर पंचायत से प्रार्थनापत्र प्राप्त हुआ है, जिसकी अनुमति प्रदान कर दी गई है। जल्दी टीम गठित कर उत्पाती बंदरों को सुरक्षित जगह जंगल में छुड़वाया जाएगा।
- सतिदर चौधरी, वन रेंज अधिकारी