बुखार से ई-रिक्शा चालक की मौत
जानलेवा बुखार का प्रकोप थम नहीं रहा है। जिला अस्पताल में पीड़ित मरीजों के पहुंचने की संख्या बढ़ती जा रही है।
पीलीभीत : जानलेवा बुखार का प्रकोप थम नहीं रहा है। जिला अस्पताल में पीड़ित मरीजों के पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है। मरीजों की बढ़ती संख्या और चिकित्सकों की कमी के कारण अब अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पीके मिश्र के जिला अस्पताल में सप्ताह में तीन दिन गुरुवार, शुक्रवार व शनिवार को ओपीडी में मौजूद रहकर मरीजों को देखने की व्यवस्था की गई है। इस बीच पूरनपुर में पिछले कई दिनों से बुखार पीड़ित एक ई-रिक्शा चालक की मौत हो गई। उसका लखनऊ के ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा था। नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों लोग बुखार से पीड़ित हैं।
पूरनपुर : बुखार से से जिले में दर्जन भर से अधिक मौते हो चुकी हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर गंभीर नहीं है। अस्पताल में बुखार के उपचार की अलग से व्यवस्था न होने के कारण सीएचसी में पहुंचने वाले अन्य रोगी भी बुखार की चपेट में आ रहे हैं। गत दिनों नगर के मुहल्ला गनेशगंज निवासी विनोद कुमार (30) कई दिनों से बुखार से पीड़ित था। परिजनों ने उसे सीएचसी में उपचार के लिए भर्ती कराया था। हालत में सुधार न होने पर डाक्टर ने विनोद को जिला अस्पताल रेफर कर दिया था। जिले के डाक्टरों के हाथ खड़े कर देने पर परिजनों ने विनोद को लखनऊ ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक के भाई दिनेश कुमार ने बताया कि आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर विनोद ई रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करता था।
समय से पहले ही उठ जाते हैं चिकित्सक
पूरनपुर : संक्रमित बीमारियों से लोग बेहाल हैं। इसको लेकर शासन भले ही गंभीर हो लेकिन सीएचसी के डाक्टर इसमें जमकर लापरवाही कर रहे हैं। मरीजों का हाथ लगाए बिना उन्हें एक ही तरह की दवाएं लिख दी जाती हैं। इसके साथ ही समय से पहले ही डाक्टर अपने चैंबरों से गायब हो जाते हैं। बाहर बैठे मरीजों को घंटों इंतजार के बाद बैरंग लौटना पड़ता है। नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्थाएं हावी हैं जबकि पूरे जिले में संक्रमित बीमारियों के चपेट में हैं। यहां डाक्टर और कर्मचारी अभी भी पुराने ढर्रे पर काम कर रहे हैं। देर से आना और जल्दी जाना उनकी आदत में शुमार है। जबकि इस समय अस्पताल के खुलने से पहले ही परिसर में मरीजों की काफी भीड़ एकत्र हो जाती है। अस्पताल के कुछ डाक्टरों को छोड़ दें तो अन्य डाक्टर कब बैठते हैं और कब चले जाते हैं किसी को पता नहीं चलता। सीएचसी में डाक्टरों का पहले से ही टोटा है। डाक्टर ओपीडी को लेकर गंभीर नहीं है। ओपीडी के दौरान मरीज देखते देखते ही उनको थकान हो जाती है और वह कराहते मरीजों से भरे चैंबर को छोड़कर अस्पताल के बाहर आराम फरमाने के लिए चले जाते हैं। यह सीएचसी में रोज का हाल है। डाक्टरों के एप्रिन न पहनने से मरीज उनको पहचान नहीं पाते हैं जिसका फायदा उठाकर वह गायब हो जाते हैं। गुरुवार को साढ़े दस बजे जब मरीजों से अस्पताल खचाखच भरा हुआ था तब एमओआईसी के कक्ष का दरवाजा बंद था और एमओआईसी नदारद थे। इसके साथ ही इमरजेंसी कक्ष में भी कई मरीज बिलखते रहते हैं लेकिन ओपीडी में मरीजों से घिरे रहने से उन्हें देखना समय भी डाक्टरों नही मिल पाता है। एक एक कर अस्पताल के सभी डाक्टर गायब हो जाते हैं। डेढ़ बजे सीएचसी की एक मात्र महिला चिकित्सक की भी कुर्सी खाली पड़ी थी जबकि उनके चैंबर के बाहर कई महिलाएं उनके आने का इंतजार कर रहीं थीं। अधिकारियों के निरीक्षण में स्टाफ की लापरवाही सामने आने पर भी कार्रवाई न किए जाने से उनके हौंसले बुलंद हैं। एमओआईसी डा. छत्रपाल ने बताया कि पीलीभीत में आशा सम्मेलन में भाग लेने गए थे। बढ़ता जा रहा बुखार का प्रकोप बीसलपुर: क्षेत्र में बुखार का प्रकोप थम नहीं रहा है। है। दर्जनों की संख्या में लोग इसकी चपेट में आते जा रहे हैं। सीएमओ के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने कई ग्रामों में पहुंचकर मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। क्षेत्र में पिछले लगभग 15 दिनों से वायरल फीवर का प्रकोप बना हुआ है। बुखार की चपेट से आधा दर्जन लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं तथा अभी भी कई मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। ग्राम मुसेली निवासी मंसूर खां को ¨चताजनक हालत में बरेली के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। मुहल्ला दुर्गा प्रसाद निवासी मुन्नी देवी, नरेश कुमार, गंगादेवी, संदीप, हरीश कुमार, बृज कुमार, ग्यासपुर गौटिया निवासी नफीस, नन्हें, मुन्नी बेगम, मुहल्ला दुबे निवासी संजीव कुमार, दीपक सहित दर्जनों लोग वायरल फीवर की चपेट में आ गए हैं। उनका उपचार निजी चिकित्सालयों में हो रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सीमा अग्रवाल के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्राम जसोली पहुंचकर मरीजों को स्वास्थ्य परीक्षण किया 77 लोगों की स्लाइड तैयार की। अधीक्षक डॉ. ठाकुरदास ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में टीमों को भेजकर मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा।