विवाद दो पक्षों का, दिया जा रहा जातीय रंग
विधायक भांजे और सिपाही मोहित गुर्जर प्रकरण में अब जातीय रंग देने का काम किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : बरखेड़ा विधायक किशनलाल राजपूत के भांजे ऋषभ राजपूत एवं डीएम के सुरक्षा दस्ते में शामिल रहे कांस्टेबिल मोहित गुर्जर का प्रकरण दरअसल दो पक्षों का विवाद है,लेकिन अब इसे जातीय रंग दिया जा रहा है। पहले कांस्टेबिल के पक्ष में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुर्जर समाज के लोग एकजुट हुए और आंदोलन की हुंकार भरी। अब विधायक पक्ष ने भी पेशबंदी के तौर पर लोधी-राजपूत समाज को लामबंद करने का प्रयास किया है।
विगत 11 सितंबर की रात विधायक के भांजे और कांस्टेबिल के बीच विवाद हो गया। आरोप है कि कांस्टेबिल और उसके साथियों ने विधायक के भांजे की पिटाई की। बाद में उसे साथ ले जाकर जिला संयुक्त चिकित्सालय के पास पीटा। तालाब के पानी में डुबो डुबोकर पिटाई की गई। घटना के बाद आरोपित कांस्टेबिल को पकड़ लिया गया था। पिछले दिनों यहां डीएम, एसपी से मुलाकात के दौरान गुर्जर समाज के नेताओं ने आरोप लगाया कि विधायक ने कांस्टेबिल को पुलिस के सामने ही बेरहमी से पीटा। विधायक के साथ मौजूद लोगों ने भी उसकी पिटाई की। पूरे मामले की निष्पक्ष ढंग से जांच किए जाने, कांस्टेबिल की ओर से दी गई तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी। अब विधायक पक्ष के लोगों ने प्रकरण में लोधी-राजपूत समाज को एकजुट करने का प्रयास किया है। शुक्रवार को लोधी-राजपूत समाज की ओर से डीएम को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट रितु पूनिया को दिया गया। ज्ञापन में कहा गया कि गुर्जर महासभा राष्ट्रीय महासचिव लोकेश गुर्जर, मेरठ के अतुल प्रधान आदि ने पिछले दिनों प्रकरण को जातीय हवा देकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया। बाहरी लोगों द्वारा धरना, प्रदर्शन के माध्यम से जिले में आपसी भाईचारा का माहौल खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। ज्ञापन देने वालों में लोधी-राजपूत समाज के जिलाध्यक्ष रामप्रसाद वर्मा, रमेश चंद्र लोधी, दुर्गाचरन उर्फ अन्ना, रनवीर सिंह, गंगाराम, मनोहर लाल समेत तमाम लोग शामिल रहे।