खाद्य के साथ चाहिए भविष्य की सुरक्षा
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत कोविड-19 का दौर शुरू होने से पहले तक राशन कार्ड धारकों को हर महीने प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं दो रुपये व दो किलो चावल तीन रुपये की दर से दिया जाता था। लॉकडाउन घोषित होते ही इसमें परिवर्तन कर दिया गया।
जेएनएन, पीलीभीत : खाद्य सुरक्षा योजना के तहत कोविड-19 का दौर शुरू होने से पहले तक राशन कार्ड धारकों को हर महीने प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं दो रुपये व दो किलो चावल तीन रुपये की दर से दिया जाता था। लॉकडाउन घोषित होते ही इसमें परिवर्तन कर दिया गया। मनरेगा श्रमिकों, सन्निर्माण श्रमिकों, प्रवासी श्रमिकों को यह अनाज निश्शुल्क वितरण किया जाने लगा। इसके अलावा पांच किलो चावल प्रति यूनिट के हिसाब से सभी राशन कार्डों पर दिया जाने लगा। पिछले महीने से प्रति कार्ड एक किलो चना भी निश्शुल्क दिया जा रहा है।
जिले में अंत्योदय योजना के 36,658 राशन कार्ड हैं, इन्हें भी मुफ्त खाद्यान्न मिल रहा है। साथ ही 1.80 लाख श्रमिक वर्ग, 902 प्रवासी श्रमिक, 5600 सन्निर्माण श्रमिकों को मुफ्त खाद्यान्न दिया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा योजना के अन्य 1.50 लाख राशन कार्ड धारकों को दो रुपये किलो गेहूं व तीन रुपये किलो की दर से चावल वितरण हो रहा है। जिला पूर्ति अधिकारी एपी सिंह का कहना है कि कोई भी कार्डधारक किसी भी दुकान से अपना खाद्यान्न प्राप्त कर सकता है।
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सरकार की निश्शुल्क खाद्यान्न वितरण योजना से हमारे घर का चूल्हा जल रहा है। कहीं मजदूरी भी मिल जाए तो अच्छा रहे।
शुभलभ
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मजदूरी नहीं मिलने से आर्थिक तंगी पैदा हो गई। ऐसे में सरकार द्वारा निश्शुल्क खाद्यान्न मुहैया कराने से काफी राहत मिली है।
चिरौंजी लाल
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निश्शुल्क खाद्यान्न से परिवार को काफी राहत मिली है। उचित दर विक्रेता द्वारा चावल, गेहूं और चना का वितरण किया जा रहा है।
संजीव कुमार
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सरकार द्वारा निश्शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने से दो वक्त की रोटी आसानी से बन रही है। सरकार को इसे जारी रखना चाहिए।
सोनी