तस्करी के धन से खड़ा किया बड़ा मकान
पीलीभीत,जेएनएन : लकड़ी ठेकेदार के साथ मजदूरी पर काम करने वाले जावेद ने सुंदर मकान बनाने और ऐशोआराम जिंदगी गुजारने का सपना साकार करने के लिए अपराध की दुनिया में कदम रखा। ड्रग्स तस्करी के धन से ही जावेद खां ने गांव में देखने लायक मकान खड़ा कर दिया था। दिल्ली में कुछ साल में ही रहकर इतना धन कमाने को लेकर गांव में भी चर्चाएं होती रही थीं, लेकिन कोई भी गांव वाला खुलकर बोल नहीं पाता था।
दियोरिया कला गांव निवासी जावेद जब युवावस्था में आया तो वह घर की स्थिति नाजुक होने के कारण लकड़ी काटने वाले ठेकेदार के साथ मजदूरी पर काम कर पैसे कमाने लगा इसके पश्चात उसने गांव में ही कारचोबी का काम सीख लिया और कारचोबी का बड़ा कारीगर बनने के लिए दिल्ली काम सीखने चला गया। जावेद को शुरू से ही गांव में बने अच्छे मकानों को देखकर अपना मकान अच्छा बनाने की ललक लगी थी किंतु उसके पास एक बीघा भी गांव में जमीन नहीं थी परिवार गरीबी से जूझ रहा था वह यह सोचकर दिल्ली रवाना हुआ कि वहां अच्छा पैसा पैदा करके वह भी गांव में आकर अपना अन्य लोगों की तरह अच्छा मकान बनाकर ऐश के साथ रहेगा किंतु उसकी लालसा ने उसे दिल्ली पहुंचने के बाद अपने मौसेरे भाई इमरान के ऐशोआराम देखने के बाद उसका दिमाग फिर गया और वह अपने भाई से अधिक पैसे कमाने की बात पूछने लगा इसी दौरान उसका मौसेरा भाई इमरान अंतरराज्यीय मादक पदार्थों का तस्कर बन चुका था। उसे एक अपने सहयोगी की जरूरत थी उसने मौका देखते ही जावेद को भी अपराध की दुनिया में उतार लिया। जावेद मादक पदार्थों की तस्करी का काम करने लगा जब उसे अच्छे पैसे मिलने लगे तो उसने अपने गांव में आकर अपना अच्छा मकान बना लिया और आगे की तैयारी में लगा हुआ था इसी दौरान दिल्ली पुलिस को उसके बारे में सूचना मिल गई और उसके विरुद्ध मादक पदार्थों की तस्करी का मुकदमा पंजीकृत हो गया तभी दिल्ली पुलिस ने उसके ऊपर इनाम घोषित करते हुए उसे पकड़ने के लिए दिल्ली क्राइम ब्रांच को लगाया जिन्होंने उसे रविवार की रात को घर पर छापा मारकर पकड़ लिया जिसके बाद जावेद का वह सपना जो आलीशान मकान बनाकर रहने का था वह अधर में ही टूट गया और वह जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया।