गन्ना की पताई को खेत में गलाना बेहद आसान
गन्ना की पताई को खेत में गलाना बेहद आसान है। जलाने से भारी नुकसान होता है जबकि वैज्ञानिक विधि से खेत में ही गला देने पर मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। इसका फायदा अगली फसल को मिलना है। बुधवार को जागरण के साप्ताहिक कार्यक्रम प्रश्न पहर में राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी डा. शैलेंद्र सिंह ढाका ने ये बात पाठकों के सवालों का टेलीफोन पर जवाब देते हुए कहीं। डा. ढाका ने बताया कि गन्ना की छिलाई कटाई के बाद खेत में मल्चर चला दें। इससे पताई छोटे-छोट टुकड़ों में विभाजित हो जाएगी। इसके बाद 15 किग्रा यूरिया का खेत में छिड़काव करके पानी लगा दें। इसके बाद पताई तेजी से गलना शुरू हो जाएगी। इससे खेत में अगर पेड़ी गन्ना फसल है तो उसकी बढ़वार तेजी से होगी। वरना अगली फसल में उसका फायदा मिलेगा। पताई खेत में गल जाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाएगी।
पीलीभीत,जेएनएन : गन्ना की पताई को खेत में गलाना बेहद आसान है। जलाने से भारी नुकसान होता है जबकि वैज्ञानिक विधि से खेत में ही गला देने पर मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। इसका फायदा अगली फसल को मिलना है। बुधवार को जागरण के साप्ताहिक कार्यक्रम प्रश्न पहर में राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी डा. शैलेंद्र सिंह ढाका ने ये बात पाठकों के सवालों का टेलीफोन पर जवाब देते हुए कहीं। डा. ढाका ने बताया कि गन्ना की छिलाई कटाई के बाद खेत में मल्चर चला दें। इससे पताई छोटे-छोट टुकड़ों में विभाजित हो जाएगी। इसके बाद 15 किग्रा यूरिया का खेत में छिड़काव करके पानी लगा दें। इसके बाद पताई तेजी से गलना शुरू हो जाएगी। इससे खेत में अगर पेड़ी गन्ना फसल है तो उसकी बढ़वार तेजी से होगी। वरना अगली फसल में उसका फायदा मिलेगा। पताई खेत में गल जाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि गेहूं के खेत में पहली और दूसरी सिचाई कर चुके किसानों को अब यूरिया खाद लगाना चाहिए। अगर सिचाई ज्यादा हो गई है और गेहूं की पत्तियां पीली पड़ने लगी हैं तो फिर तीन किग्रा सल्फर प्रति एकड़ की दर से यूरिया में मिलाकर लगा दें। गेहूं बुवाई के 60 से 65 दिन के भीतर मृदा स्वास्थ्य कार्ड में संस्तुति की मात्रा के बराबर यूरिया खाद लगा दें। उसके बाद खाद लगाने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि यदि गेहूं के खेत में संकरी पत्तियों वाली घास हो गई है तो सल्फो सल्फ्यूरान नामक दवा 13.5 ग्राम को दो सौ लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर दें। चौड़ी पत्तियों वाली घास है तो फिर मैक सल्फ्यूरान एक यूनिट लेकर डेढ़ सौ लीडर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
सवाल : गेहूं की फसल में कल्ले कम निकल रहे हैं जबकि पौधे बढ़ते जा रहे। इसके लिए क्या करना चाहिए।
सज्जाद हुसैन, अमरिया
जवाब : गेहूं की बुवाई के समय जिक डालना चाहिए था। तब यह समस्या नहीं आती। अब डेढ़ सौ ग्राम चीलेटेड जिक को आधा किग्रा यूरिया में लगा दें।
सवाल : खेत में लाही की फसल में फूल आ रहे हैं। अब क्या करना चाहिए, जिससे फली ज्यादा बने, जिससे पैदावार बढ़ सके।
पवन सक्सेना, दिलावरपुर
जवाब : अगर लाही के पौधों में पत्तों पर पीलापन, फफोले दिख रहे हैं तो कार्बन डाजिम प्लस मैनकोजेव 250 ग्राम प्रति एकड़ डेढ़ सौ लीडर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इसके अलावा 0:52:34 एनपीके आधा किग्रा डेढ़ लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर दें।
सवाल : गेहूं की फसल में पत्तियां झुलस रही हैं। इससे बचाव के लिए क्या उपाय करने चाहिए।
फैयाज हुसैन, ग्राम धुंधरी
जवाब : इसके लिए कापरआक्सी फ्लोराइड 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से डेढ़ सौ लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार कर लें। इस घोल का फसल पर छिड़काव करने से यह समस्या दूर हो जाएगी।
सवाल : गेहूं पौधों में पत्ती सफेद होकर सूख रही हैं। इससे फसल का कैसे बचाव किया जाए।
असलम यार खां, जहानाबाद
जवाब : इसके लिए फसल में सिक्सर दवा का छिड़काव करें।
सवाल : फसलों के अवशेष का प्रबंधन कैसे करना चाहिए।
श्रवण कुमार, ग्राम महादेवा
जवाब : इन दिनों तो गन्ना की पताई की मुख्य रूप से फसल अवशेष है। इसे खेत में गलाना भी काफी आसान है। मल्चर चला दें। इसके बाद 15 किग्रा यूरिया का छिड़काव करते पानी लगा दें। इसके बाद पताई तेजी से गलने लगेगी।