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टिकट को लेकर सपा में अंदरूनी शह-मात का खेल

सूबे में विधानसभा चुनाव अगले साल होने हैं लेकिन प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के भीतर टिकट की दावेदारी को लेकर अंदरूनी शह मात का खेल शुरू हो गया है। पार्टी के दिग्गज एक दूसरे का सियासी रास्ता रोकने के लिए गोटियां फिट करने में जुट गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 11:52 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 11:52 PM (IST)
टिकट को लेकर सपा में अंदरूनी शह-मात का खेल
टिकट को लेकर सपा में अंदरूनी शह-मात का खेल

पीलीभीत : जेएनएन : सूबे में विधानसभा चुनाव अगले साल होने हैं, लेकिन प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के भीतर टिकट की दावेदारी को लेकर अंदरूनी शह मात का खेल शुरू हो गया है। पार्टी के दिग्गज एक दूसरे का सियासी रास्ता रोकने के लिए गोटियां फिट करने में जुट गए हैं।

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वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जनपद में चार में तीन विधानसभा सीट सदर, बरखेड़ा और पूरनपुर (सुरक्षित) पर जीत हासिल की थी। उस वक्त जिले के दो विधायक हाजी रियाज अहमद तथा हेमराज वर्मा को मंत्री बनाया गया था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर में सपा कोई भी सीट बचाने में कामयाब नहीं हो सकी। इतना ही नहीं वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सपा उम्मीदवार हेमराज वर्मा को भाजपा के वरुण गांधी ने करारी शिकस्त दी थी। हालांकि यह दीगर पहलु है कि समाजवादी पार्टी के कमजोर प्रदर्शन के पीछे अंदरूनी गुटबाजी भी अहम वजह रही है। पार्टी के दिग्गज नेताओं के बीच मतभेद भी किसी से छिपे नही नहीं हैं। मौका मिलते ही दोनों दिग्गज एक दूसरे पर सियासी हमला करने में तनिक भी देर नहीं लगाते हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर टिकटों की दावेदारी के जरिये भी दोनों दिग्गजों के बीच समाजवादी पार्टी के अंदर शह-मात का खेल शुरू हो गया है। पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा ने अपने छोटे भाई क्षेत्र पंचायत प्रमुख अरुण वर्मा का आवेदन शहर सीट से करा दिया,जबकि इस सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज अहमद लगातार चुनाव लड़ते आ रहे हैं। इसके जवाब में हाजी रियाज अहमद ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बुद्धसेन वर्मा को सपा में शामिल करवाया। फिर बुद्धसेन वर्मा का आवेदन बरखेड़ा सीट से करवा दिया। यह विधानसभा क्षेत्र पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा का गढ़ रहा है। इसी तरह से सुरक्षित सीट पूरनपुर के लिए भी गोटियां बिछाई जा रही हैं। इस सीट पर पूर्व विधायक पीतम राम पूरे दमदारी से दावेदारी करते रहे हैं। वहीं प्रदीप सोनकर समेत कई अन्य दावेदारों ने भी पूरनपुर सीट से टिकट के लिए आवेदन कर दिया है। खास बात यह है कि बीसलपुर सीट के लिए अभी तक दावेदारों के नाम चर्चा में नहीं हैं। किस सीट पर सपा टिकट किसे मिलेगा? यह तो पार्टी हाईकमान को ही तय करना है, लेकिन टिकट की दावेदारी को लेकर समाजवादी पार्टी के भीतर शह मात का खेल फिलहाल चर्चा में है। सियासी गलियारे में इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।

अभी तक जिलाध्यक्ष की घोषणा नहीं

जिले में समाजवादी पार्टी का संगठनात्मक ढांचा बाहर से भले ही सक्रिय दिखाई देता हो, लेकिन आपसी गुटबाजी ने हालत यह कर दी है कि पार्टी नेतृत्व अभी तक यहां जिलाध्यक्ष पद पर किसी उपयुक्त नाम की घोषणा नहीं कर पाया है, जबकि प्रदेश के अन्य जिलों में जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष आनंद सिंह यादव फिर से ओहदा पाने की कोशिश में लगे हैं,लेकिन दूसरे खेमे के लोग लगातार विरोध कर रहे हैं। इन हालात के चलते जिलाध्यक्ष पद पर किसी का मनोनयन नहीं हो पा रहा है।


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