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लक्ष्य के सापेक्ष ग्रामीण केंद्रों पर धान खरीद नहीं

कृषि उत्पादन मंडी समिति में लगे क्रय केंद्रों तो लक्ष्य पूरा कर रहे हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के क्रय केंद्र लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं। अधिकांश जगह बारदाना की समस्या आने से तौल नहीं हो पा रही है। किसानों को दस से 15 दिनों का समय क्रय केंद्रों पर लग रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 12:40 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 12:53 AM (IST)
लक्ष्य के सापेक्ष ग्रामीण केंद्रों पर धान खरीद नहीं
लक्ष्य के सापेक्ष ग्रामीण केंद्रों पर धान खरीद नहीं

पीलीभीत,जेएनएन : कृषि उत्पादन मंडी समिति में लगे क्रय केंद्रों तो लक्ष्य पूरा कर रहे हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के क्रय केंद्र लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं। अधिकांश जगह बारदाना की समस्या आने से तौल नहीं हो पा रही है। किसानों को दस से 15 दिनों का समय क्रय केंद्रों पर लग रहा है।

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जिले में धान खरीद के लिए 161 क्रय केंद्र स्थापित किए गए थे। यूपीएसएस के 31 और नेफैड के 15 क्रय केंद्र बंद होने से अब 115 विभिन्न एजेंसियों के क्रय केंद्रों पर धान की खरीद की जा रही है। कृषि उत्पादन मंडी के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में यह क्रय केंद्र संचालित हैं। इन क्रय केंद्रों पर रोजाना छह सौ क्विंटल खरीद का लक्ष्य अधिकारियों की तरफ से दिया गया है। अधिकारियों के सख्त निर्देश के बाद भी इस लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा पा रहा है जबकि धान की आवक बेहद तेजी से हो रही है। बारदाना, उठान, उतार, कांटा की समस्या भी निरंतर बनी हुई है। इसके चलते भी क्रय केंद्र प्रभारी लक्ष्य पूरा न होने की बात कह रहे हैं। मंडी समिति में खाद्य विभाग के दो, भारतीय खाद्य निगम का एक, पीसीएफ शिवपुरिया और कृषि उत्पादन मंडी के दो समेत सभी छह क्रय केंद्रों पर तौल हो रही है। यह केंद्र रोजाना लक्ष्य पूरा करने की रिपोर्ट अधिकारियों को दे रहे हैं। कुछ क्रय केंद्रों पर निरंतर वारदाना की समस्या बनी हुई है। घाटमपुर में लगे पीसीएफ के क्रय केंद्र पर बीते चार दिन से एक दिन भी लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। यहां चार दिन में 1626 क्विंटल ही खरीद हो सकी। कुछ ऐसा ही हाल टांडा छत्रपति गांव में लगे खाद्य विभाग के क्रय केंद्र का भी है। यहां तीन दिन में 244 क्विंटल ही धान खरीद गया जबकि किसानों का सड़क किनारे तक धान लगा हुआ है। जिलाधिकारी पुलकित खरे भी लगातार लक्ष्य के सापेक्ष धान खरीद करने के सख्त निर्देश दे रहे हैं, इसके बाद भी खरीद नहीं बढ़ पा रही है।

जिले में 60 से 65 फीसदी हो चुकी है धान की कटाई

जिला कृषि अधिकारी डा. विनोद कुमार यादव ने बताया कि जिले में 60 से 65 फीसदी के करीब धान की कटाई हो चुकी है। इस बार पूरे जिले में 141595 हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई थी। उन्होंने बताया कि अमरिया क्षेत्र में धान काफी हद तक कट गया है। पूरनपुर क्षेत्र में कटाई लेट शुरू हुई है। एक सप्ताह में अधिकांश जगह कटाई हो जाएगी। क्रय केंद्रों पर रहने को मजबूर हैं किसान

किसान खेतों से धान की कटाई के बाद उसे मंडी में लाता है। परिसर में सुखाने में तीन से चार दिन का समय लगता है। इसके अलावा मंडी में धान तौलवाने के लिए वह अपनी बारी का इंतजार करता है। ऐसे में उसे 15 से 20 दिन तक का समय लग जाता है। कभी बारदाना का अभाव बताकर टरकाया जाता है तो कभी कांटा खराब होने की बात कहकर बाद में तौलने की जानकारी दी जाती है। खुले आसमान के नीचे ही किसान रातें काटने को मजबूर हैं।

अन्नदाता स्वयं मंगा रहे बारदाना और सुतली

मंडी के क्रय केंद्र पर बारदाने के अभाव को लेकर किसान गुरनाम सिंह ने बताया कि धान तौलने का नंबर आया तो बारदाना न होने की बात कही गई। इस पर उन्होंने बारदाना मंगाया। इसके बाद कांटा खराब बताया गया तो नया कांटा मंगाया। सुतली भी खरीदकर देने के बाद तौल हुई। उन्होंने बताया कि बारदाना की दिक्कत बढ़ने से 14 रुपये की खाली बोरी 30 रुपये में बिकने लगी है। किसान धान तौलवाने के लिए मजबूरन कर रहे हैं। पहले मानक का पढ़ाया जाता है पाठ

क्रय केंद्र पर धान लेकर पहुंचने वाले किसानों को पहले खरीद के मानक का पाढ़ पढ़ाया जाता है। धान में कालापन, नमी, खंडी कमियां निकाली जाती हैं। किसान के काफी प्रयास के बाद उसका धान परिसर में डलवाकर कई दिन बाद खरीदा जाता है। कई किसानों का धान देखते ही रिजेक्ट कर दिया जाता है। इसके चलते वह राइस मिलरों के यहां रुख करने को मजबूर होते हैं।

16 अक्टूबर को मंडी समिति में धान लेकर आया था। उसी दिन से रखवाली कर रहा हूं। अभी तक कोई पूछने तक नहीं आया है। बारदाना की समस्या लगातार बताई जा रही है।

गुरमेल सिंह, नवदिया सुल्तानपुर

धान बिक्री करने के लिए बारदाना, सुतली और एक कांटा तक खरीदकर देना पड़ा है। पिछले 16 अक्टूबर से धान पड़ा था जिसकी कई दिन बात तौल हो सकी है।

गुरनाम सिंह, मटेहना

क्रय केंद्र पर धान की रखवाली दस दिनों से कर रहा हूं। एक व्यक्ति का समय पूरा बर्बाद हो रहा है। कई बार क्रय केंद्र इंचार्ज के पास गया लेकिन तौल शुरू नहीं हो सकी।

नवतेज सिंह, केसरपुर

कई दिन से क्रय केंद्र पर धान पड़ा है। आज कल तौल होने की आस दी जा रही है। इससे बेहद परेशानी हो रही है। बुवाई आदि भी खेतों में होनी है। तौल कराने में कई दिन लग रहे हैं।

हरदीप सिंह वक्तापुर

18 अक्टूबर को धान लेकर आया था। तब से उसकी रखवाली कर रहा हूं। टोकन भी मिल चुका है। इसके बाद भी खरीद नहीं हो पा रही है। धान की रखवाली में भी परेशानी हो रही है।

रामगोपाल, पिपरिया जयभद्र धान खरीद को लेकर लगातार क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया जा रहा है। क्रय केंद्र प्रभारियों को लक्ष्य के अनुसार ही धान खरीदने के निर्देश दिए जा रहे हैं। कहीं-कहीं क्रय केंद्रों पर समस्या आ रही है। लक्ष्य बढ़ाने के लिए कहा गया है।

-राजेंद्र प्रसाद, उपजिलाधिकारी, पूरनपुर


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