फैशन के दौर में युवा संस्कृति से हो रहे विमुख
बौठा गुरुद्वारे में चल रहे दो दिवसीय धार्मिक समागम का शनिवार को समापन हो गया। अंतिम दिन गुरु का दीवान सजाया गया। हजारों की संख्या में संगत ने पहुंचकर गुरवाणी सुनी।
घुंघचाई (पीलीभीत): बौठा गुरुद्वारे में चल रहे दो दिवसीय धार्मिक समागम का शनिवार को समापन हो गया। अंतिम दिन गुरु का दीवान सजाया गया। हजारों की संख्या में संगत ने पहुंचकर गुरवाणी सुनी। अटूट लंगर भी बरता गया।
गांव डूडा स्थित गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब में पाचवें गुरमत समागम का भव्य आयोजन शुक्रवार से शुरू हुआ था। समागम में पंजाब से आए परम संत बाबा त्रिलोचन सिंह ने संगत को निहाल करते हुए कहा कि गुरु के बताएं रास्ते पर चलने से बाधाएं नहीं आती। बाबा निशांत सिंह ने संगत को निहाल करते हुए कहा कि समाज के युवा फैशन के दौर में भटक गए हैं। अपनी संस्कृति से विमुख हो रहे हैं। लोगों को चाहिए कि जरूरतमंदों की मदद करें और संगत के लिए एकजुट होकर खड़े हो। इस दौरान उन्होंने गुरुओं के जीवन संघर्षों को बताकर युवाओं को उनके रास्ते चलने की चलने की बात कही। अमनदीप कौर खालसा अमृतसर अध्यक्ष सिंह अभ्यासी, भाई लखविदर सिंह ने भी समागम में विचार रखें। इस दौरान बाहर से आए कविशरी जत्थों ने संगीतमय गुरबाणी का बखान किया। समागम में दूरदराज से लोगों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की। देर शाम तक अटूट लंगर चलता रहा। समागम के दौरान निशुल्क नेत्र चिकित्सा कैंप में लोगों को चिकित्सीय लाभ दिया गया। यहां समाजसेवी संदीप खंडेलवाल आदि लोग मौजूद रहे। गुरुद्वारा कमेटी के अलावा बाबा मान सिंह ने समागम में आए सभी धर्मगुरु और संगत का आभार जताया।