नारी के सम्मान से घर हो जाता स्वर्ग
कथावाचक सतगुरु शरण रामायणी ने कहा कि नारी वंदनीय और पूजनीय है। देवताओं ने भी सदा नारी का सम्मान किया है इसलिए जिस घर में नारी का आदर व सम्मान होता है वह घर स्वर्ग के समान हो जाता है तथा जहां नारी का अनादर होता है वहां का विनाश निश्चित है।
संवाद सहयोगी, बीसलपुर (पीलीभीत) : कथावाचक सतगुरु शरण रामायणी ने कहा कि नारी वंदनीय और पूजनीय है। देवताओं ने भी सदा नारी का सम्मान किया है, इसलिए जिस घर में नारी का आदर व सम्मान होता है वह घर स्वर्ग के समान हो जाता है तथा जहां नारी का अनादर होता है वहां का विनाश निश्चित है।
कथावाचक शहर के जानकी रतन मंदिर परिसर में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन अनमोल है इसलिए हमें प्रभु की भक्ति में ही सारा जीवन लगाना चाहिए। माया मोह सदैव हमें परमात्मा से दूर करते हैं,इसलिए निस्वार्थ भाव से हमें ईश्वर की भक्ति करते रहनी चाहिए। उनके प्रति पूरी आस्था, समर्पण भाव होना जरूरी है तभी हमारा कल्याण हो पाएगा यदि हम सांसारिक माया मोह में ही फंसे रहेंगे तो ईश्वर के प्रति भक्ति का भाव नहीं रहेगा। भारतीय नारी की महिमा का गुणगान करते हुए उन्होंने कहा कि देश की नारियां पूजनीय हैं। जिस घर में उनका आदर व सम्मान होता है वहां सुख ,शांति, वैभव बना रहता है। किसी भी तरह की विपत्तियां नहीं आती है और जिस घर में नारी का अनादर होता है वहां तमाम प्रकार के कष्ट होना निश्चित है। विपत्तियों से परिवार बिखर जाता है। उन्होंने महिलाओं को सुझाव दिया कि घरों के आंगन में तुलसी का पौधा लगाकर नियमित पूजा करें। रसोई में पहला भोग गोमाता के लिए निकाल दे उसके बाद ही भोजन ग्रहण किया जाए। व्यवस्था में मंदिर के महंत लखन लाल मिश्र, पंकज अग्रवाल, मनोज गोयल, धर्मवीर अग्रवाल का विशेष सहयोग रहा।