मॉक ड्रिल की ते•ाी रियल टेस्ट में पड़ी सुस्त
कोरोना वायरस को लेकर सरकार द्वारा हर स्तर पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों से संदिग्ध मरीजों के साथ कोई कोताही न बरतने के भी आदेश दिए गए हैं।
जासं, पीलीभीत: कोरोना वायरस को लेकर सरकार द्वारा हर स्तर पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों से संदिग्ध मरीजों के साथ कोई कोताही न बरतने के भी आदेश दिए गए हैं। कोरोना संदिग्ध मरीज की सूचना मिलने पर आइसोलेशन वार्ड तक लाने व उसकी सैंपलिग कराने तक की मॉकड्रिल भी दो बार हो चुकी है। इसके बाद भी शनिवार को कोरोना संदिग्ध मरीज को लेकर विभागीय मातहतों की लापरवाही देखने को मिली। पूरनपुर में नेपाल से लौटा एक संदिग्ध मरीज शुक्रवार को सामने आया था। सीएमओ ने संदिग्ध को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट करने व उसका सैंपल जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए। शनिवार शाम 4 बजे संदिग्ध को जिला अस्पताल भेजे जाने की सूचना एमओआईसी ने सीएमओ को दी। एक घंटे के अंदर एंबुलेंस संदिग्ध को लेकर जिला अस्पताल पहुंच गई और अधिकारियों की हरी झंडी मिलने का इंतजार करने लगी। एंबुलेंस संदिग्ध को बैठाए हुए 25 मिनट तक सड़क पर खड़ी रही। इस दौरान आइसोलेशन वार्ड के स्टाफ से लेकर सीएमओ कार्यालय के •िाम्मेदार लोगों तक किसी ने कोई व्यवस्था नहीं की थी। मॉक ड्रिल के दौरान कार्यों को सही से करने की जितनी नसीहत आला अधिकारियों द्वारा दी गई थीं, वह रियल टेस्ट में फेल हो गई। शनिवार को जब बारी रियल टेस्ट की आई तो सारी सख्ती बेअसर निकली।
वर्जन.
एंबुलेंस के आने की सूचना मिली थी। टीम को किट पहनकर ही संदिग्ध को छूने के निर्देश दिए गए हैं। एंबुलेंस आने के उपरांत स्टाफ के लोगों ने किट पहनी होगी। इसी में देर हुई होगी। जानकारी ली जाएगी।
-डॉ. सीमा अग्रवाल, सीएमओ इनसेट--
संदिग्ध को पकड़ने के लिए लगानी पड़ी पुलिस
पूरनपुर से आए संदिग्ध ने स्वास्थ्य अधिकारियों को जमकर छकाया। शुक्रवार को संदिग्ध को पूरनपुर में ही होम क्वारंटाइन किया गया। इस दौरान संदिग्ध जांच के लिए जिला अस्पताल आने को तैयार नहीं था। संदिग्ध ने स्वास्थ्य अधिकारियों से अभद्रता शुरू कर दी। इस पर स्वास्थ्य अधिकारियों को पुलिस को सूचना देनी पड़ी। पुलिस ने सख्ती के साथ संदिग्ध को घर से निकालकर एंबुलेंस में बैठाया जिसके बाद उसे जिला अस्पताल लाया जा सका।