खेत में मिला लिए गोमती के तटबंध
गोमती को सरकार ने पुनरुद्वार अभियान में शामिल तो कर लिया परंतु अब गोमती की राह में फिर कब्जा किया जाने लगा है।
पूरनपुर (पीलीभीत) : गोमती को सरकार ने पुनरुद्वार अभियान में शामिल तो कर लिया परंतु अब गोमती के कामों में ढील बरती जाने लगी है। श्रमदान एवं जनसहयोग से जो काम कराए गए थे उनकी हवा भी धीरे धीरे निकलने लगी है। सबलपुर व रम्पुरा फकीरे में बेखौफ किसानों ने नदी की खुदाई के बाद बनाए गए तटबंधों को काटकर खेत में मिला लिया। दिन भर इस काम में ट्रैक्टर दहाड़ते रहे लेकिन पुलिस प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। गोमती भक्तों ने ग्रुप पर फोटो व वीडियो डाले इसके बाद भी कोई एक्शन नजर नहीं आया। एसडीएम ने कहा कि सुबह दिखवाकर रिपोर्ट दर्ज कराएंगे।
जब गोमती की खुदाई का काम जनपद की सीमा तक 47 किमी में होना था तो एक भी श्रमदानी अपना ट्रेक्टर लेकर नहीं निकला ताकि काम आसानी से हो जाए। जब जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा श्रमदान से जेसीबी चलवाकर एवं मनरेगा से काम कराकर गोमती को नाले का रूप देते हुए दोनों तरफ इसके तटबंध बना दिए गए तो किसान इन तटबंधों को काटकर अपने खेतों में मिलाने को आगे आ गए। सबलपुर व रम्पुरा फकीरे गांवों में गोमती तट के किसानों ने तटबंधों का नामोनिशान ही मिटा डाला। एक गांव में तट को खेत में मिलाकर धान की रोपाई कर दी गई तो एक जगह शनिवार को पूरे दिन ट्रेक्टर व लेवलर से तटबंध को काटकर खेत में मिलाने का काम चलता रहा। लोगों ने इसकी शिकायतें भी कीं परन्तु कोई कार्रवाई नहीं की गई। बाद में गोमती भक्तों ने तटबंध काटने के फोटो व वीडियो भी आदि गंगा ग्रुप पर डाले। किसान नेता चौधरी धर्मेंद्र ¨सह सहित कई किसानों ने डीएम से इस मामले में सख्त कार्रवाई का अनुरोध भी किया ताकि भविष्य में कोई दूसरा ऐसा साहस न जुटा सके। कई लोगों ने तटबंध काटने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की। अधिकारी ग्रुप में मैसेज देखते रहे परन्तु कोई एक्शन फिलहाल नहीं लिया गया। उधर घाटमपुर के पास तीन ट्रैक्टर न एक जेसीबी लगाकर गोमती की गहराई बढ़ाने का काम शनिवार को किया जाता रहा। एसडीएम जेपी ¨सह चौहान ने बताया कि रविवार सुबह दिखवाकर गोमती के तटबंध काटने वाले किसानों पर रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।