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किसी के घर 20 तो किसी के घर 25 साल बाद कन्या जन्मी

नवरात्र के अंतिम दिन देवी स्वरूप कन्याओं की किलकारी कई घर-आंगन में गूंजायमान हुई। परिवारों की खुशी दोगुनी हो गई। एक ओर देवी आराधना का पवित्र दिवस उसके साथ आराधना के फलस्वरूप घर में देवी रूप में जन्मीं बेटी। जिला महिला अस्पताल में शनिवार को आठ बच्चों का जन्म हुआ जिसमें पांच कन्याएं शामिल रहीं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 12:06 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 12:06 AM (IST)
किसी के घर 20 तो किसी के घर 25 साल बाद कन्या जन्मी
किसी के घर 20 तो किसी के घर 25 साल बाद कन्या जन्मी

पीलीभीत,जेएनएन: नवरात्र के अंतिम दिन देवी स्वरूप कन्याओं की किलकारी कई घर-आंगन में गूंजायमान हुई। परिवारों की खुशी दोगुनी हो गई। एक ओर देवी आराधना का पवित्र दिवस, उसके साथ आराधना के फलस्वरूप घर में देवी रूप में जन्मीं बेटी। जिला महिला अस्पताल में शनिवार को आठ बच्चों का जन्म हुआ जिसमें पांच कन्याएं शामिल रहीं।

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संयोग भी ऐसा कि किसी के घर में 25 वर्ष तक किसी के घर में 17 वर्ष के बाद बेटी का जन्म हुआ। हर कोई स्वजनों के साथ बेटी आगमन की खुशी में लीन दिखाई दिया। बच्चियों के माता-पिता ने देवी का प्रसाद मानकर सहर्ष स्वीकार किया व पूरी देखभाल के साथ बेहतर पालन-पोषण का संकल्प भी लिया। जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. अनीता चौरसिया ने सभी नवजात कन्याओं का तिलक लगाकर व फल, स्लेट, पेंसिल भेंट कर अभिवादन किया। हमारे परिवार में 25 साल बाद बेटी का जन्म हुआ है। इससे पहले मेरी ही बेटी हुई थी। उसके बाद अब मेरी बहू ने बेटी को जन्म दिया है। नवरात्र के दिनों में बेटी का जन्म हुआ जोकि बहुत सुखद है। अपनी पोती का बेहतर देखभाल के साथ लालन-पालन करेंगे। हमारे लिए बेटा या बेटी में कोई भेद नहीं है।

- मीना देवी, ग्राम भवंत बघेरा, ललौरीखेड़ा

हमारे घर में बीस साल बाद किसी कन्या का जन्म हुआ है। पूरे परिवार में बेटी के जन्म से बहुत खुशी है। देवी मां की कृपा से हमें ये सौभाग्य प्राप्त हुआ है। हमारी इच्छा भी थी कि बेटी का जन्म हो। अपनी बेटी को बेहतर परवरिश देकर उसे मेहनत से पढ़ाएंगे।

- जानकी, ग्राम नवदिया धनेश, कलीनगर नवरात्र के शुभ दिनों में बेटी का जन्म पाकर बहुत खुशी हुई। बेटा-बेटी में कोई अंतर नहीं है। हमारी कामना थी जो भी बच्चा हो, वह स्वस्थ हो। भगवान ने बेटी को जन्म देकर हमें गौरवान्वित किया है। अपनी बेटी का मेहनत के साथ पालन-पोषण कर सभी सुख-सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।

- अनुज, मुहल्ला बख्तावर लाल बीसलपुर

लगभग 14 वर्षों के बाद घर में कन्या का जन्म हुआ है। इससे पहले मेरे दो बेटे हुए थे। घर में बेटी के आने से रौनक आ गई है। सभी लोग बहुत खुश हैं। बेटी को बेटों की तरह ही स्नेह-दुलार देंगे। बेटी को अच्छी पढ़ाई कराकर आत्मनिर्भर बनाने का पूरा प्रयास करेंगे।

- रामबहादुर, ग्राम दहगला


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