शहर में सजने लगे गणेश उत्सव पंडाल
गणपति बप्पा मोरया की गूंज शुरू होने वाली है। शहर में विभिन्न स्थानों पर गणेश उत्सव की तैयारी शुरू हो गई है।
पीलीभीत : गणपति बप्पा मोरया की गूंज शुरू होने वाली है। शहर में विभिन्न स्थानों पर गणेश उत्सव के लिए पंडाल सज रहे हैं। रामलीला मैदान पर तो दस दिनों तक गणेश चौथ मेला चलेगा। इसी तरह चौक बाजार में 19 सितंबर तक चलने वाले उत्सव में प्रत्येक दिन के लिए कार्यक्रम निर्धारित कर दिए गए हैं। राजा बाग कॉलोनी में भी पंडाल सजाया जा रहा है। यहां गणेश प्रतिमा की स्थापना करके 14 से 22 सितंबर तक प्रतिदिन रामचरित मानस के सुंदरकांड का पाठ किया जाएगा।
रामलीला मैदान पर गणेश चौथ का मेला लगने लगा है। तमाम दुकानदार और खेल तमाशे वाले आ चुके हैं। यहां पर स्थापित की गई गणेश प्रतिमा के समक्ष श्रीराम चरित मानस का अखंड पाठ मंगलवार से ही शुरू हो गया। गुरुवार को दोपहर बाद गणेश प्रतिमा के साथ ही भव्य झांकियां शामिल करके बैंडबाजा के साथ शोभायात्रा निकालने की तैयारी चल रही है। इसी प्रकार चौक बाजार में गणेश उत्सव के लिए पंडाल सज रहा है। पीलीभीत-महाराष्ट्र मित्र मंडल के तत्वावधान में होने वाले उत्सव के लिए मुंबई से भगवान गणेश की भव्य प्रतिमा मंगा ली गई है। गुरुवार को इस प्रतिमा के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसके उपरांत उत्सव स्थल पर उसे स्थापित कर दिया जाएगा। यहां पर 19 सितंबर तक के लिए कार्यक्रम निर्धारित कर दिए गए हैं। राजा बाग कॉलोनी में सभी के सहयोग से होने वाले सार्वजनिक गणेश चतुर्थी पूजन की तैयारी चल रही है। यहां पर वर्ष 2000 में छोटे स्तर पर गणेश उत्सव की परंपरा महाराष्ट्र से आकर यहां व्यवसाय करने वाले और स्थानीय लोगों ने मिलकर शुरू की थी। आज यह शहर का प्रमुख आयोजन बन चुका है।
पुनीत मिश्र
इस बार गणेश उत्सव का 19वां आयोजन हो रहा है। पहले तो छोटे स्तर पर होता रहा लेकिन सहयोग देने वाले बढ़ते गए और आयोजन भी भव्य होता गया। सब भगवान गणेश की कृपा से हो रहा है।
जितेंद्र मराठा
आज यह देखकर बहुत खुशी होती है कि सभी लोग मिलकर गणेश उत्सव को भव्य बनाने में जुटते हैं। हम लोग तो महाराष्ट्रियन हैं, जब यहां उत्सव नहीं होता था, तब अपने घरों पर ही छोटा उत्सव कर लिया करते थे।
दीपक मराठा, अध्यक्ष, आयोजन समिति
मैं तो गणेश उत्सव में शुरुआत से ही सहयोगी की भूमिका निभा रहा हूं। हमेशा यह रहा कि दिन में और देर रात को भले ही बारिश हो जाए लेकिन शाम को जितने समय तक उत्सव चलता है, उस दौरान बारिश नहीं होती।
देवेंद्र त्रिवेदी