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जैव उर्वरक के उपयोग से बढ़ेगी किसानों की आय

कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि वे खेती में अपनी आय बढ़ाने के लिए रसायनिक उर्वरक का प्रयोग करें।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 10:59 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 10:59 PM (IST)
जैव उर्वरक के उपयोग से बढ़ेगी किसानों की आय
जैव उर्वरक के उपयोग से बढ़ेगी किसानों की आय

पीलीभीत : कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि वे खेती में अपनी आय बढ़ाने के लिए रसायनिक उर्वरक का कम से कम इस्तेमाल करें। उसकी जगह जैविक खाद अपने यहां खुद तैयार करके विभिन्न फसलों में उसका उपयोग करें। इससे फसलों के उत्पादन में उनकी लागत कम आएगी और मुनाफा बढ़ेगा।

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सोमवार को स्टेडियम रोड स्थित राजकीय कृषि बीज भंडारा परिसर में आयोजित अग्रणी कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र ¨सह ढाका ने कहा कि अग्रणी किसानों को अन्य कृषकों की नुमाइंदगी के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा आय दोगुनी करने के लिए रसायनिक उर्वरक पर निर्भरता से बचे, इसके स्थान पर जैविक खाद का प्रयोग करें। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एनसी त्रिपाठी ने किसानों को जीवामृत बनाने की विधि सिखाई। उन्होंने बताया कि दो सौ लीटर का प्लास्टिक का ड्रम, पांच किलो गाय का गोबर, पांच लीटर गोमूत्र, दो किलो गुड़ नया या पुराना, दो किलो चने का बेसन के मिश्रण को ड्रम में डालकर शेष पानी से भर दें। पांच दिन के अंतराल पर डंडे से घोल को चला दें। 20-25 दिनों बाद यह जैव उर्वरक के रूप में तैयार हो जाएगा। इसे छिड़काव के माध्यम से किसी भी फसल पर प्रयोग किया जा सकता है। कार्यक्रम में बीज भंडार के प्रभारी अमर ¨सह, एडीओ कृषि मदन ¨सह, प्राविधिक सहायक इंद्रपाल आदि भी मौजूद रहे।


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