डीएम की मंशा पर फिरा पानी बांसुरी वादन की ट्रे¨नग नहीं
एक जनपद-एक उत्पाद योजना के तहत पीलीभीत में बांसुरी को चुना गया।
पीलीभीत : एक जनपद-एक उत्पाद योजना के तहत पीलीभीत में बांसुरी को चुना गया। बांसुरी का चयन होते ही बल मिलने की संभावना प्रबल हो गई। बांसुरी बनाने के लिए बांसों की नर्सरी तैयार करने की कवायद चालू हो गई। जनपद के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में 16 तक आयु वर्ग वाले छात्र-छात्राओं को बांसुरी वादन की ट्रे¨नग देने के प्रयास शुरू कर किए गए जो रंग लाते नजर नहीं आ रहे हैं। डीएम डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र ने विद्यालयों को पत्र भेजकर बांसुरी वादन की ट्रेनिंग देने के निर्देश दिए थे,लेकिन अभी तक अमल नहीं किया जा रहा है। स्कूल-कॉलेजों में बांसुरीवादन की ट्रे¨नग की कवायद चालू तक नहीं की गई है, जबकि प्रधानाध्यापकों को पत्र काफी पहले भेजे जा चुके हैं।
जनपद मुख्यालय पर बांसुरी बनाने में 37 परिवार काम कर रहे हैं, जो पूरी तरह से घरों पर किया जाता है। इस काम में परिवार के सभी सदस्य करते हैं। बांसुरी में छेद करने का काम बहुत ही टेढ़ा है। गर्म लोहे की छड़ी से बांसुरी में छेद किया जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक जनपद-एक उत्पाद योजना में पीलीभीत की बांसुरी को लिया था। उस दौरान बांसुरी के कारीगरों में काफी खुशी थी। बांसुरी प्रदेश स्तर की प्रदर्शनी में अपना नाम कमा चुकी है। जिलाधिकारी डॉ.अखिलेश कुमार मिश्र ने सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 16 साल तक के बच्चों को बांसुरी वादन का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया था। इस संबंध में डीआइओएस और बीएसए को काफी पहले पत्र भेज भेजा जा चुका है। स्कूलों को पत्र भेजे जाने के बाद बांसुरी वादन की किसी प्रकार की कोई कवायद नहीं दिख रही है। एक स्कूल से अधिकतम चार बच्चों का नामांकन होना है, जिसमें दो लड़के और दो लड़कियां शामिल हैं। अगर बच्चों को बांसुरीवादन की ट्रे¨नग मिल जाएगी तो नए बांसुरीवादक निकलकर आएंगे। प्रशिक्षण के बाद फ्लूट मास्टर की प्रतियोगिता कराई जाएगी। बीएसए डॉ.इंद्रजीत प्रजापति का कहना है कि बीआरसी और प्रत्येक प्रधानाध्यापक को पत्र भेजकर बांसुरी वादन का प्रशिक्षण देने के लिए बच्चों को चयनित करने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा गया है। अभी किसी स्कूल से बच्चों के नाम नहीं आए हैं। इस दिशा में तेजी से काम किया जाएगा। जल्द मंगाए जाएंगे बच्चों के नाम
बांसुरीवादन के प्रशिक्षण के लिए स्कूल-कॉलजों के प्रधानाचार्यों को पत्र भेजा गया है। प्रत्येक स्कूलों से चार बच्चों के नाम लिए जाने हैं। बांसुरी वादन के प्रशिक्षण के बाद प्रतियोगिता भी कराई जाएगी। स्कूलों से जल्द ही नाम मंगवा लिए जाएंगे। अभी किसी स्कूल ने नाम नहीं भेजे हैं।
-संत प्रकाश, डीआइओएस।