बांध कटने पर अब रात में हो रहा काम
हर साल बाढ़ की तबाही से बचाने के लिए सरकार करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाती है।
संस,पूरनपुर (पीलीभीत) : हर साल बाढ़ की तबाही से बचाने के लिए सरकार करोड़ों रुपये पानी की तरह खर्च करती है। बाढ़ खंड व ¨सचाई विभाग की मिलीभगत से बाढ़ राहत कार्य जमीनी स्तर पर न होकर कागजों तक ही सिमट कर रह जाते हैं। बरसात से पूर्व अधिकारी खानापूरी में जुटे रहते हैं। बरसात आने के बाद शारदा से सटे गांव में बाढ़ की तबाही का मंजर देखने को मिलता है। बचाव कार्य समय से हो जाएं तो बाढ़ पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। तीन दिन पूर्व रमनगरा क्षेत्र में शारदा नदी द्वारा मार्जिनल बांध का आधे से ज्यादा कटान होने पर अधिकारियों में खलबली है। मार्जनल बांध आधा कट जाने के बाद तबाही के मंजर को भांपकर अधिकारी बुधवार रात जेनरेटर की लाइट में सैकड़ों मजदूरों से बचाव कार्य करवाते नजर आए। अधिकारियों ने यही सबक पहले लिया होता तो आज यह दिन देखना नहीं पड़ता।
रमनगरा: पिछले तीन दिनों से रमनगरा गांव में शारदा नदी तबाही मचाते हुए कटान गांव के समीप कटान करते हुए वर्षों पूर्व बनाए गए मार्जिनल बांध आधा से ज्यादा शारदा नदी की भेंट चढ गया। मार्जिनल बांध कट जाने से ग्रामीण पूरी तरह से भयभीत दिखाई दे रहें हैं। कलीनगर तहसीलदार विजय कुमार त्रिवेदी और बाढ़ खंड के अधिकारी मार्जिनल बांध को सुरक्षित करने में देर रात तक जुटे रहे। काफी मशक्कत के बाद मार्जिनल बांध को सुरक्षित करने में सफलता मिली है। शारदा का जलस्तर कम होने से कटान की स्थिति सामान्य हो गई है। शारदा नदी की तबाही की खबर जागरण ने गुरुवार को प्रमुखता से प्रकाशित की थी। ¨सचाई विभाग के मुख्य अभियंता प्रवीण कुमार ने अभियंताओं के साथ रमनगरा गांव के सामने मार्जिनल बांध का जायजा लेने पहुंचे। बाढ़ खंड के अभियंता शैलेश कुमार मार्जिनल बांध के सामने परको पाइन लगाकर बचाव कार्य करवा रहे हैं। गांव की आबादी को तबाही से बचाया जा सके। मुख्य अभियंता प्रवीण कुमार के कटान क्षेत्र में पहुंचने पर वहां के ग्रामीण बाढ़ खंड के अधिकारियों पर आरोप लगाए। ग्रामीणों का आरोप है कि यदि बचाव कार्य समय से कराए होते तो मार्जिनल बांध और आबादी को बचाया जा सकता था। अधिकारियों ने बताया कि बांध की तरफ कटान रुक गया है। हालात सामान्य हो रहे हैं।