मानसून की बेरुखी से प्यासी धरती, अन्नदाता बेचैन
तराई के जिले में मानसून की बेरुखी से किसानों की चिता बढ़ने लगी है। आसमान पर बादल उमड़ते-घुमड़ते हैं लेकिन बारिश नहीं हो रही है।
जेएनएन, पीलीभीत : तराई के जिले में मानसून की बेरुखी से किसानों की चिता बढ़ने लगी है। आसमान पर बादल उमड़ते-घुमड़ते हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही है। इस दौरान न्यूनतम तापमान में हो रही बढ़ोतरी के कारण रात में भी उमस भरी गर्मी पड़ रही है। पंखे भी गर्म हवा फेंकने लगते हैं। ऐसे में लोगों की नींद पूरी नहीं हो पाती है।
सुबह के समय तो आसमान में पिछले कई दिनों से बादल उमड़ते रहे हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही है। जिले में जिन किसानों ने बोरिग-इंजन या नलकूप से पानी का इंतजाम कर खेतों में धान की रोपाई कर दी है, उन्हें सिचाई की चिता है। तमाम किसान धान की रोपाई के लिए बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। जिन किसानों के खेतों में गन्ने की फसल तैयार हो रही है, उन्हें बारिश के अभाव में फसल सूखने से बचाने के लिए महंगा डीजल खरीदकर सिचाई करनी पड़ रही है। उधर, अधिकतम तापमान में तो कुछ गिरावट आई है, लेकिन न्यूनतम तापमान लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में दिन के अलावा रात में भी उमस भरी गर्मी लोगों को बेचैन किए रहती है। राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. शैलेंद्र सिंह ढाका के अनुसार रविवार को अधिकतम तापमान 33.2 तथा न्यूनतम 27.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। उन्होंने बताया कि इन दिनों न्यूनतम तापमान 25 डिग्री के आसपास रहना चाहिए, लेकिन यह बढ़ते-बढते 27 डिग्री से ऊपर निकल चुका है। इसी वजह से रातों में भी उमस बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि फिलहाल सोमवार को भी मौसम ऐसा ही रहने की संभावना है। दो दिन बाद तेज बारिश हो सकती है।