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तालाबों पर कब्जा, जल संचय को धक्का

ग्राम पंचायतों में अवैध तरीके से तालाबों पर कब्जा कर फसल बोने की तैयारी की जा रही है। विभाग भी इन तालाबों को कब्जा मुक्त कराने में रूचि नहीं ले रहा है जिससे पर्यावरण प्रेमियों में रोष है। ग्रामीणों ने कब्जेदारों को बेदखल करने की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 11:45 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 06:07 AM (IST)
तालाबों पर कब्जा, जल संचय को धक्का
तालाबों पर कब्जा, जल संचय को धक्का

जेएनएन, घुंघचाई (पीलीभीत) : ग्राम पंचायतों में अवैध तरीके से तालाबों पर कब्जा कर फसल बोने की तैयारी की जा रही है। विभाग भी इन तालाबों को कब्जा मुक्त कराने में रूचि नहीं ले रहा है जिससे पर्यावरण प्रेमियों में रोष है। ग्रामीणों ने कब्जेदारों को बेदखल करने की मांग की है। शासन द्वारा जल संरक्षण को तालाबों की खोदाई सफाई कराने के लिए कई परियोजनाएं बनाई गई हैं। बरसाती पानी का संचय करने के लिए पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्राम प्रधानों को पाती भी भेजी थी जिससे बरसात के दिनों में पानी का ठहराव तालाबों में किया जा सके। वाटर लेवल ठीक रहे। क्षेत्र के बिलंदपुर अशोक, गुलड़िया भूपसिंह, दिलावरपुर, घुंघचाई, गोपालपुर, घाटमपुर के अलावा अन्य कई गांवों में तालाबों पर अवैध रूप से लोगों ने कब्जा कर रखा है। कब्जेदारों ने तालाबों को धीरे-धीरे मिट्टी से पाटकर खेतों में भी मिला लिया है। इसके चलते शासन की तालाबों में जल संचय की योजना पर विराम लगता देखा जा रहा है। जागरूक लोगों द्वारा राजस्व विभाग को शिकायती पत्र देकर तालाबों को कब्जा मुक्त कराने की मांग भी समय-समय पर की जाती रही है इस पर अमल नहीं हो रहा है। क्षेत्र के जितौरियाटांडा में गांव के पूरब स्थित तालाब पड़ोसी खेत स्वामी ने पूरी तरीके से जोत कर खेत में तब्दील कर लिया गया है और उस पर फसल बोने की तैयारी है। इसके अलावा भी अन्य कई गांवों में भी तालाबों पर कब्जा किए जा रहे हैं। लेखपाल अरविद कुमार ने बताया कि जितौरियाटांडा में चकबंदी का कार्य चल रहा था। अब तालाबों पर जिन लोगों द्वारा कब्जा किया गया है उनकी जांच कर रिपोर्ट दी जाएगी। अवैध कब्जेदारों के खिलाफ मुकदमें भी दर्ज कराए जाएंगे।

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पुराने समय में तालाब बेहद महत्वपूर्ण थे। बरसात के पानी का संजय भी होता था। कुछ गहराई में ही पानी आसानी से मिल जाता था। पानी का संचय न होने से वाटर लेवल काफी नीचे चला गया है।

-दिलबाग सिंह

तालाबों पर कब्जे हैं। पहले जगह जगह खेतों में तालाब थे। गर्मी के सीजन में भी पानी रहता था। तालाबों का पटान हो जाने से नाममात्र के ही शेष रह गए हैं। इस ओर प्रशासन गंभीरता से ध्यान दे।

-सुभाष गिरि

जिले में जब से साठा धान लगाया जाने लगा तब से पानी की समस्या आई है। बरसात का पानी संचय न हो पाने की वजह से भी वाटर लेवर नीचे गिरा है। तालाबों का सुंदरीकरण कराया जाना चाहिए।

-बसंत कुमार

जिन तालाबों पर अवैध रूप से कब्जे कर खेती की जा रही है उन तालाबों की फिर से खोदाई होनी चाहिए। इसके लिए ग्राम प्रधानों को आगे आकर काम करना होगा, तभी तालाब कब्जा मुक्त हो पाएंगे।

-राजकुमार शुक्ल

जिन ग्रामीणों ने तालाबों पर कब्जा कर रखा है वे लोग कब्जा हटा लें अन्यथा पैमाइश में कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही जुर्माना वसूला जाएगा। जेल भी भेजा जा सकता है। इस समय लेखपालों की टीम कोरोना से बचाव के कार्यो में लगी है। शीघ्र ही तालाबों की पैमाइश कराई जाएगी।

-राजेंद्र प्रसाद, उपजिलाधिकारी पूरनपुर


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