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कर्मचारियों ने चीनी मिल को किया बंद

कई माह से वेतन न मिलने से परेशान सहकारी चीनी मिल कर्मचारियों ने गुरुवार को मिल को बंद कर गेट के बाहर धरना शुरू कर दिया। प्रधान प्रबंधक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। उपजिलाधिकारी ने समझाने का प्रयास किया लेकिन आंदोलनरत कर्मचारी नहीं माने। साढ़े दस बजे से बंद हुई मिल शाम तक नहीं चल सकी। कर्मचारी चार्टड एकाउंटेंट (सीए) के बुलाने की बात पर अड़े रहे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 12:30 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 12:30 AM (IST)
कर्मचारियों ने चीनी मिल को किया बंद
कर्मचारियों ने चीनी मिल को किया बंद

पीलीभीत,जेएनएन : कई माह से वेतन न मिलने से परेशान सहकारी चीनी मिल कर्मचारियों ने गुरुवार को मिल को बंद कर गेट के बाहर धरना शुरू कर दिया। प्रधान प्रबंधक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। उपजिलाधिकारी ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन आंदोलनरत कर्मचारी नहीं माने। साढ़े दस बजे से बंद हुई मिल शाम तक नहीं चल सकी। कर्मचारी चार्टड एकाउंटेंट (सीए) के बुलाने की बात पर अड़े रहे।

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सहकारी चीनी मिल में किसानों को बकाया भुगतान के साथ ही कर्मचारियों की भी अनदेखी हो रही है। बकाया भुगतान के लिए जहां किसान बेहद परेशान हैं वहीं कर्मचारी भी अपने मानदेय के लिए भटक रहे हैं। उन्हें कई माह से भुगतान नहीं दिया गया है, इससे वह भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। कोरे आश्वासन वेतन भुगतान के नाम पर दिए जा रहे हैं। कर्मचारियों ने कई बार अधिकारियों को वेतन न मिलने पर कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। आजिज आए मास्टर रोल, परमानेंट, सीजनल और संविदा के सैकड़ों कर्मचारियों ने पूर्वान्ह साढ़े दस बजे से चीनी मिल बंद कर दी। गेट पर आकर धरना प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू कर दी। चीनी मिल के प्रधान प्रबंधक असीम मिश्र ने कर्मचारियों को जल्द वेतन दिए जाने की बात कही लेकिन वह नहीं माने। जानकारी पर उपजिलाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद वहां पहुंचे। उन्होंने जीएम को कर्मचारियों के समक्ष बुलाकर वार्ता की और वेतन भुगतान के बारे में जानकारी की। कर्मचारियों को काम पर लौटने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माने। कर्मचारियों ने कहा कि जब तक चीनी मिल के चार्टड एकाउंटेंट मौके पर नहीं पहुंचेंगे और उन्हें लिखित में वेतन भुगतान के लिए नहीं दिया जाएगा तब तक कर्मचारी कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे। कर्मचारियों ने बताया कि वेतन के अलावा पीएफ 10 साल से जमा नहीं किया जा रहा है। रिटायरमेंट के बाद उन्हें कोर्ट जाना पड़ रहा है। बोनस और फंड भी नहीं दिया जा रहा है। किसी मद का कोई भी रुपया न मिलने से वह और उनके बच्चे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।

वेतन भुगतान के लिए कई माह से आश्वासन दिया जा रहा है। अभी तक नहीं मिला है। जरूरत की वस्तुएं खरीदने में दिक्कत आ रही है। कर्मचारी वेतन के लिए परेशान हैं।

अमरजीत पांडेय

तीन माह से अधिक समय से वेतन नहीं मिला है। कर्मचारी रोजाना अपनी इस समस्या को अधिकारियों को अवगत कराते हैं लेकिन कोई भी ध्यान देने को कतई तैयार नहीं है।

गोपाल

आठ सौ किमी. दूर देवरिया से चीनी मिल में काम कर रहे हैं। वेतन न मिलने से भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। दुकानदारों ने राशन देना भी बंद कर दिया है। गुजर बसर हो रही है।

सुशील मौर्य

बिहार के जिला गोपालगंज से नौकरी कर रहा हूं। यहां कर्मचारियों के अलावा कोई परिचित नहीं है। वेतन न मिलने की वजह से जिन लोगों से राशन उधार लिया था उनका भी रुपया नहीं दे पा रहा हूं।

रामजनक

कर्मचारियों के वेतन के लिए फेडरेशन के अधिकारियों से मंगलवार को ही लौटा हूं। एक करोड़ रुपये से अधिक का वेतन हर माह कर्मचारियों का निकलता है। फेडरेशन से ही कर्मचारियों को वेतन मिलेगा। इसके लिए वह लगातार प्रयासरत हैं। यह बात बुधवार को ही कर्मचारियों को बता दी गई थी। कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही वार्ता कर मामला निपटाया जाएगा।

असीम मिश्र ,प्रधान प्रबंधक चीनी मिल पूरनपुर


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