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शिक्षा जमीन पर और ख्वाब आसमान छूने के

सरकार की अपने विद्यालयों में पढ़ाई व सुविधा से कॉन्वेंट और निजी स्कूलों को टक्कर देने की उम्मीद है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 09:43 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 09:43 AM (IST)
शिक्षा जमीन पर और ख्वाब आसमान छूने के
शिक्षा जमीन पर और ख्वाब आसमान छूने के

पीलीभीत : सरकार की अपने विद्यालयों में पढ़ाई व सुविधा से कॉन्वेंट और निजी स्कूलों को टक्कर देने की उम्मीदें हैं। जिले में परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों की हकीकत जमीन पर पड़ी है। बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर तक नहीं हैं। सरकार ने जो बजट भेजा वह अफसरों की लापरवाही से वापस हो गया। अब फिर से शिक्षा निदेशक को फर्नीचर उपलब्ध कराने की मांग भेजी है।

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जिले में शिक्षा का बड़ा ढांचा बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का है। कुल 1800 विद्यालय हैं, जिनमें से 570 जूनियर हाईस्कूल हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक पौने दो लाख विद्यार्थी इन स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। मुफ्त किताबें, बैग, यूनिफॉर्म, जूते से लेकर दोपहर का भोजन तक इन विद्यार्थियों को सरकार की तरफ दिया जाता है। अफसोस, पढ़ाई अब भी जमीन पर जूट की पट्टी बिछाकर ही करनी पड़ती है।

उपयोग के बिना वापस हो गए 1.71 करोड़ रुपये

परिषद के नियमों के मुताबिक कक्षा छह से आठ तक की कक्षाओं में छात्र-छात्राओं के लिए बेंच और मेज की व्यवस्था होनी चाहिए। परिषद ने पिछले वित्तीय वर्ष में फर्नीचर के लिए एक करोड़ 71 लाख सात हजार रुपये का बजट भेजा था। बीएसए और उनके मातहत रकम का उपयोग ही नहीं कर सके। वित्त एवं लेखा विभाग की लापरवाही की वजह से स्कूल प्रबंध समिति के खाते में धनराशि ट्रासफर नहीं हो पाई थी। रकम वापस चली गई।

केवल 285 स्कूलों में फर्नीचर

जिले में 570 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें से केवल 285 विद्यालयों में ही बेंच और मेज उपलब्ध हैं। बाकी इतने ही विद्यालय फर्नीचर से महरूम हैं। अफसरों की लापरवाही का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।

फैक्ट फाइल

कुल परिषदीय विद्यालय : 1800

जूनियर हाईस्कूल : 570

प्राथमिक विद्यालय 1230

फर्नीचर उपलब्ध : 285 विद्यालयों में वर्जन..

जूनियर हाईस्कूलों में फर्नीचर की उपलब्धता के लिए मांग भेजी गई है। अगर धनराशि का आवंटन होता है तो प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

-पंकज शाक्य, जिला समन्वयक, बेसिक शिक्षा विभाग


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