छोटा सा नाला, फिर भी सफाई में लापरवाही
देर से ही सही लेकिन नगर पालिका परिषद ने शहर के नालों की सफाई का कार्य शुरू कर दिया।
पीलीभीत : देर से ही सही लेकिन नगर पालिका परिषद ने शहर के नालों की सफाई का कार्य शुरू करा दिया है लेकिन इसकी गति बेहद सुस्त है। ऐसे में 15 जून से पहले सभी 28 नालों की तलीझाड़ सफाई हो पाना मुश्किल दिख रहा है। मुहल्ला भूरे खां में स्थित नाला कोई ज्यादा लंबा नहीं है लेकिन उसकी सफाई में भी पिछले वर्षों में लापरवाही बरती गई। परिणाम यह रहा कि मुहल्ले की निचली गलियों में बरसात के दौरान नागरिकों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ा।
यह नाला इश्तियाक के मकान से शुरू होकर कामनी बेगम, गुड्डू व जफर के मकान के पास से होता हुआ मौलाना हशमत अली की दरगाह तक है। इस नाला की सफाई के लिए नगर पालिका परिषद ने 23 हजार 392 रुपये खर्च करने की व्यवस्था की है। नाला छोटा है, ऐसे में तलीझाड़ सफाई कराने में ठेकेदार को कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए लेकिन यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि तलीझाड़ सफाई हो सकी अथवा नहीं। मई का महीना समाप्ति की ओर है लेकिन अभी तक दो-तीन नालों की सफाई का ही कार्य हो सका है। शहर में छोटे-बड़े कुल 28 नालों की सफाई 15 जून से पहले पूरी की जानी है लेकिन सफाई कार्य की सुस्त गति देखकर तो यही लग रहा कि बरसात शुरू होने से पहले सभी नालों की सफाई का कार्य पूर्ण होना पाना मुश्किल है। नागरिकों का कहना है कि जिन नालों की सफाई हो रही है, उनसे निकलने वाली सिल्ट हटाने में भी तत्परता नहीं दिखाई जा रही है। इसके लिए ठेकेदार का तर्क होता है कि गीली सिल्ट को तुरंत उठवाना मुश्किल होता है। इसलिए सिल्ट सूखने का इंतजार करना पड़ता है।