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सुनीता इंतजार मत करना देररात तक आ लौट आएंगे

सराफा कारोबारी संजीव वर्मा ने सोमवार की रात करीब आठ बजे पत्नी सुनीता को फोन कर कहा था कि उसका इंतजार मत करना देररात तक लौट आएंगे। पति के फोन के बाद सुनीता निश्चिंत हो गई थीं लेकिन संजीव तो पूरी रात नहीं लौटे। सुनीता ने सोचा कि रात अधिक होने के कारण रुक गए होंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 11:47 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 11:47 PM (IST)
सुनीता इंतजार मत करना  देररात तक आ लौट आएंगे
सुनीता इंतजार मत करना देररात तक आ लौट आएंगे

बीसलपुर (पीलीभीत) : सराफा कारोबारी संजीव वर्मा ने सोमवार की रात करीब आठ बजे पत्नी सुनीता को फोन कर कहा था कि उसका इंतजार मत करना, देररात तक लौट आएंगे। पति के फोन के बाद सुनीता निश्चिंत हो गई थीं, लेकिन संजीव तो पूरी रात नहीं लौटे। सुनीता ने सोचा कि रात अधिक होने के कारण रुक गए होंगे। मंगलवार की सुबह जब उसे फोन पर ही सुहाग उजड़ने की सूचना मिली तो वह बदहवास हो गई।

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दियोरिया कोतवाली क्षेत्र के ग्राम नूरानपुर मुड़िया निवासी स्वर्गीय लाला राम सिंह वर्मा के बड़े पुत्र संजीव वर्मा के परिवार की खुशियों को लगभग 16 वर्ष पूर्व उस समय ग्रहण लग गया था जब उसके छोटे भाई सोनू ने मुस्लिम युवती से निकाह करने के लिए धर्म परिवर्तन कर लिया था। ग्रामवासियों के विरोध के चलते परिजनों को गांव छोड़ना पड़ा था। संजीव वर्मा अपनी पत्नी सुनीता देवी के साथ बीसलपुर नगर में किराए के मकान में रहने लगे थे। लगभग दो वर्षों से वह एकता नगर कालोनी में लक्ष्मी नरायन कटियार के मकान में रह रहे थे। संजीव ने ग्राम रसियाखानपुर में 15 दिन पूर्व ही सराफा की दुकान खोली थी। ग्राम मधवापुर में भी सराफा की दुकान खोल रखी थी जिस पर वह गुरुवार व रविवार को साप्ताहिक बाजार वाले दिन जाया करते थे। बेटी पूजा का विवाह करने के बाद बेटे कृष्णा व कुनाल की परवरिश करने में लगे थे। दोनों बेटे कक्षा सात में नगर के एक विद्यालय में पढ़ रहे हैं। 18 मार्च का दिन सुनीता देवी के लिए मुसीबत बनकर आया। सुनीता ने बताया कि पति संजीव अपने छोटे भाई सोनू उर्फ आरिफ द्वारा मंगवाए गए दो लाख रुपयों के जेवर बिक्री करने गए थे। देवर ने किसी को बरात में देने के लिए जेवर मंगाए थे। सुनीता को क्या मालूम था कि जेवर पति के लिए काल बन जाएंगे। जिसका डर था आखिर वही हुआ। शाम लगभग सात बजे घर लौटने पर पति ने जब बताया कि जेवर सोनू को दे आएं हैं शाम को रुपये मिल जाएंगे। वह उसके पास जा रहे हैं। यह सुनकर सुनीता का चेहरा मुरझा गया था। रात्रि आठ बजे पति ने जब उसे फोन किया कि इंतजार मत करना देर से घर लौट पाएंगे तो प्रतीक्षा करते करते उसकी आंख कब लग गई यह उसे पता नहीं लगा। दोनों बच्चों की परवरिश करने की समस्या आड़े आ रही है।


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