Move to Jagran APP

पारंपरिक ढंग से मनाए दीपों का त्योहार

अंधाधुंध पेड़ कटान की वजह से पर्यावरण को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंच रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 10:32 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 10:32 PM (IST)
पारंपरिक ढंग से मनाए दीपों का त्योहार
पारंपरिक ढंग से मनाए दीपों का त्योहार

पीलीभीत : अंधाधुंध पेड़ कटान की वजह से पर्यावरण को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंच रही है। पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए सरकारी मशीनरी के साथ स्वयंसेवी संस्थाएं प्रयास कर रही हैं। प्रकाश पर्व दीपावली पर हर साल पटाखों से शोरगुल और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जाता है, जिससे त्योहार के बाद कई दिनों तक लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

loksabha election banner

तराई क्षेत्र के पीलीभीत जनपद में वन संपदा का अकूत भंडार है। वाहनों से निकलने वाले धुआं की वजह से पर्यावरण दूषित हो रहा है। पेड़ बढ़ने के बजाय दम तोड़ते नजर आते हैं। हर साल दीपावली त्योहार पर करोड़ों की आतिशबाजी जलाकर प्रदूषण फैलाने का काम किया जाता है। इस पर न्यायालय ने सख्त ऐतराज जताया है। दीपावली त्योहार पर आतिशबाजी और पटाखों के लिए सरकार से समय तय करने के लिए कहा है। दीपावली वाले दिन कई घंटे आतिशबाजी जलने की वजह से उठने वाले धुएं से सांस लेने में लोगों को दिक्कत होती है। सबसे ज्यादा बुजुर्ग व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड़ता है। तेज आवाज के पटाखों का प्रयोग किया जाता है, जो इंसानी ¨जदगी के साथ वन्यजीवों पर विपरीत असर पड़ रहा है। सेव इन्वायरमेंट वेलफेयर सोसाइटी के सचिव पर्यावरणविद टीएच खान का कहना है कि दीपावली त्योहार उल्लास के साथ मनाया जाना चाहिए। तेज आवाज के पटाखों के प्रयोग से बचना चाहिए, जिससे पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है। दस साल पहले त्योहार वाले दिन छह से सात घंटे तक आतिशबाजी चलती थी, जो अब बहुत ही कम हो गई है। अब बाजार में ईको फ्रेंडली आतिशबाजी आ गई, जिससे किसी प्रकार कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। आज दो घंटे तक आतिशबाजी और पटाखे दगाए जाते हैं। समाज के लोगों में जागरुकता आई है। आतिशबाजी से सल्फर डाईआक्साइड, क्रोमियम आक्साइड, नाइट्रिक आक्साइड आदि गैसें निकलती है, जो वातावरण को प्रदूषित करती हैं। पटाखों के धुएं से इंसानी ¨जदगी के साथ ही वन्यजीवों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। कई दिनों तक आसमान में धुएं की परतें दिखाई देती हैं। ऐसे में ईको फ्रेंडली आतिशबाजी का प्रयोग करना चाहिए।

पॉलीथीन को न कहें

सरकार ने पॉलीथीन के प्रयोग को पूरी तरह प्रतिबंधित कर रखा है। पॉलीथीन की थैलियों के प्रयोग से धरती बंजर होती जा रही है। जमीन की उर्वरा शक्ति खराब हो रही है। आज कूड़े में सबसे ज्यादा पॉलीथीन का कूड़ा शामिल होता है, जो जमीन को नुकसान पहुंचता है। जमीन में पॉलीथीन के मिल जाने से पानी का संरक्षण भी नहीं हो पा रहा है। कूड़े में खाद्य पदार्थ के स्थान पर जानवर पॉलीथीन को खा जा रहे हैं। अब स्कूल-कालेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पॉलीथीन से होने वाले नुकसान से रूबरू कराया जा रहा है, जिससे उनमें जागरुकता आ रही है। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत नगर पालिका परिषद की ओर से शहर भर में जगह-जगह होर्डिंग, बैनर लगाकर लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। पॉलीथीन और कूड़ा-करकट के संबंध में वॉल पें¨टग कराई जा रही है, जिसमें लोगों को जागरूक करने के स्लोगन लिखे हुए हैं। स्लोगन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। नगर पालिका परिषद कार्यालय के बाहर दीवार पर मनमोहक वॉल पें¨टग कराई गई है। स्वास्थ्य एवं सफाई निरीक्षक आबिद अली का कहना है कि पॉलीथीन का प्रयोग न करने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। दुकानों पर चे¨कग कार्रवाई भी की जा रही है। अब सब्जी वालों ने पॉलीथीन को बंद कर दिया है। पॉलीथीन से काफी नुकसान हो रहा है। सरकार के आदेश का अक्षरश: पालन कराया जा रहा है। हेलमेट का हरहाल में प्रयोग करें

सरकार ने दोपहिया वाहन चालक और पीछे बैठने वाले के लिए हेलमेट लगाने की अनिवार्यता का आदेश जारी कर रखा है। बगैर हेलमेट पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है। परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की ओर से दुपहिया वाहन चालकों को हेलमेट लगाकर वाहन चलाने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। अब सरकार ने वाहन खरीदते समय ही हेलमेट देने आदेश जारी कर रखे हैं। बगैर हेलमेट के कोई दोपहिया वाहन नहीं खरीद सकेगा। ऐसा होने से वाहन दुर्घटना से जीवन को बचाया जा सकेगा। पिछले दिनों पुलिस अधीक्षक बालेंदु भूषण ¨सह ने यातायात माह का शुभारंभ किया था। दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनाकर जागरूक किया। अब दोपहिया वाहन चालकों में हेलमेट के प्रति जागरुकता आई है। शहर हो या ग्रामीण। हर क्षेत्र में दोपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाकर ही गंतव्य को रवाना हो रहे हैं। परिवहन विभाग के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अमिताभ राय ने बताया कि दुपहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनकर वाहन चलाने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पंजीकरण कराने आने वाले वाहन चालकों को भी बताया जाता है। स्कूलों में बच्चों को हेलमेट की उपयोगिता बताई जाती है। वाहनों की रफ्तार और ट्रिपल राइ¨डग पर विशेष नजर रखी जा रही है।

सड़क पर कूड़ा कचरा न फेंके

स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की कवायद की जा रही है। शहर के प्रत्येक मुहल्ले में कूड़ेदान लगवाने की कवायद शुरू हो गई है, जिससे कोई भी व्यक्ति सड़क पर कूड़ा नहीं फेंकेगा। आने वाले कुछ समय में डोर टू डोर कूड़ा लेने की कार्रवाई चालू हो जाएगी, जिससे किसी भी व्यक्ति को दिक्कत नहीं होगी। नगर पालिका परिषद की ओर से शहर में सुबह और शाम को सफाई कराई जा रही है, जिससे किसी भी स्थान पर कूड़ा नजर नहीं आ रहा है। शहर की जनता से कूड़ा सड़क पर न फेंकने की अपील की जा रही है। नगर पालिका परिषद के सफाई एवं स्वास्थ्य निरीक्षक आबिद अली का कहना है कि शहर को स्वच्छ बनाने के प्रयास हो रहे हैं। सभी लोग कूड़ा समय से निर्धारित स्थान पर डाल दें, जिससे कूड़े का समय से निस्तारण हो सकेगा। सफाई रखने में हर व्यक्ति का सहयोग जरूरी है। बगैर सहयोग से सफाई का कार्य पूरा नहीं हो सकेगा। कोई भी व्यक्ति कूड़ा सड़क पर न फेंके। सफाई में सहयोग करें। शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए सभी लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। घर की सफाई करते वक्त निकले कूड़े को यथास्थान फेंका जाना चाहिए। किसी भी दशा में सड़क पर कूड़ा न डाला जाए। ऐसा करने से अन्य लोगों को दिक्कतें होगी।

-ऋषि सक्सेना, खकरा

आज स्वच्छता पर खासा जोर दिया जा रहा है। शहर के कामर्शियल एरिया में रोजाना रात में सफाई की जा रही है, जो बहुत अच्छा काम हो रहा है। निर्धारित समय पर ही कूड़े को कूड़ादान में डाला जाना चाहिए। कोई भी व्यक्ति इधर-उधर कूड़ा न डालें।

-कुलवंत ¨सह, अशोक कालोनी रक्तदान करें

जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक में रक्तदान करने बहुत अच्छी सुविधा है। ब्लड बैंक में स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य स्वेच्छा से रक्तदान करने के लिए आते हैं। जरूरतमंद व्यक्ति को रक्तदान के बदले रक्त दिया जाता है। ब्लड बैंक में रोजाना दस से पंद्रह व्यक्ति रक्तदान करने के लिए आते हैं। ब्लड बैंक में 48 यूनिट रक्त की उपलब्धता है। ए पॉजीटिव दस, बी पॉजीटिव 20 और निगेटिव एक, ओ पॉजीटिव दस, निगेटिव चार, एबी पॉजीटिव का तीन यूनिट रक्त उपलब्ध है। ब्लड बैंक के सीनियर टेक्नीशियन नायाब रसूल का कहना है कि रोजाना ब्लड देने के लिए लोग आते हैं। रक्तदान करने के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। पौधे गिफ्ट करें, खुद भी लगाएं

पीलीभीत जनपद में पौधे गिफ्ट करने की परंपरा की शुरुआत हो गई है। आज समाज के प्रत्येक वर्ग के लोग महंगे गिफ्ट की बजाय पौधे देने को वरीयता दे रहे हैं। सामाजिक वानिकी के प्रभागीय निदेशक संजीव कुमार ने कहा कि हर साल वन विभाग के साथ सरकारी कर्मचारी और स्कूली बच्चे पौधे को रोपित करने का काम करते हैं। यही पौधे आगे चलकर पेड़ का रूप ले लेते हैं। लोगों से पौधे गिफ्ट में देने की अपील की जा रही है। खुद भी लगाने की दिशा में काम करना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.