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बीएसए ने डीसी को बचाया तो महानिदेशक ने तलब किया जवाब

बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कस्तूरबा गांधी विद्यालयों से कोरोना काल के दौरान बेची गई खाद्य सामग्री मामले में आरोप तय होने के बाद भी बीएसए ने आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है। खंड शिक्षा अधिकारियों से गलत रिपोर्ट तैयार कराकर बीएसए ने विभागीय उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 12:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 12:00 AM (IST)
बीएसए ने डीसी को बचाया तो महानिदेशक ने तलब किया जवाब
बीएसए ने डीसी को बचाया तो महानिदेशक ने तलब किया जवाब

पीलीभीत,जेएनएन: बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कस्तूरबा गांधी विद्यालयों से कोरोना काल के दौरान बेची गई खाद्य सामग्री मामले में आरोप तय होने के बाद भी बीएसए ने आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है। खंड शिक्षा अधिकारियों से गलत रिपोर्ट तैयार कराकर बीएसए ने विभागीय उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी। शासन में बैठे अधिकारियों ने जब रिपोर्ट का मिलान जिलाधिकारी पुलकित खरे द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट से किया तो वे भी चौंक गए। स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने पूरे मामले पर बीएसए से जबाब तलब करने के आदेश दिए हैं। तीन माह पूर्व कस्तूरबा गांधी विद्यालय अमरिया में खाद्यान्न घोटाले का मामला सामने आया। जिलाधिकारी पुलकित खरे तक शिकायत पहुंची तो उन्होंने स्टार संदर्भ बनाते हुए डीसी मनरेगा मृणाल सिंह को तत्काल जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। डीसी मनरेगा की जांच रिपोर्ट में जिला समन्वयक बालिका शिक्षा मनीष श्रीवास्तव व सामान आपूर्ति संस्था औजला इंटरप्राइजेज को जिम्मेदार मानते हुए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की पुष्टि की। इधर, पूरे मामले में स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने भी जिलाधिकारी व बीएसए को सभी बा स्कूलों की जांच कर सप्ताह भर में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए। बीईओ से करा ली जांच, जबकि बीईओ भी जिम्मेदार: बीएसए ने जांच के लिए जिलाधिकारी से मजिस्ट्रेट नामित कराने की जरूरत नहीं समझी। कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में खाद्यान्न की आपूर्ति से लेकर खपत में खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) की भी जिम्मेदारी होती है। ऐसे में बा स्कूलों की जांच बीईओ से कराना ही औचित्यपूर्ण नहीं था। इधर, जांच रिपोर्ट तैयार करने संबंधी कई कार्य बीएसए ने स्वयं आरोपितों से करा लिए जिससे निष्पक्ष जांच पर सवाल उठ रहे हैं। 13 नवंबर तक मांगी थी रिपोर्ट, भेजी जनवरी में: बा स्कूलों में खाद्यान्न घोटाले के गंभीर मामले में जनपद के विभागीय अधिकारियों ने खूब रुचि ली। मामला राज्य स्तर तक पहुंचा तो बीएसए ने खुद तीन बा स्कूलों में पहुंचकर जांच की। जांच में शिकायत के अनुसार गड़बड़ियां भी पाई गईं। बीएसए ने मीडिया को कार्रवाई का आश्वासन दिया। महानिदेशक विजय किरन आनंद ने 29 अक्टूबर 2020 को आदेश कर 13 नवंबर 2020 तक पूरी रिपोर्ट मांगी थी लेकिन चहेतों को बचाने के लिए खूब लेटलतीफी की गई। बीएसए द्वारा महानिदेशक कार्यालय को रिपोर्ट जनवरी 2021 में भेजी गई। इस बीच बा स्कूलों का रिकॉर्ड भी दुरुस्त कर लिया गया व स्टाफ में भय बनाकर खाद्यान्न खराब बता दिया गया। बॉ स्कूल पहले भी रहा सुर्खियों में

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बॉ स्कूलों में बालिकाओं के लिए आने वाले सामान का हेरफेर होना व उसका भ्रष्टाचारियों की भेंट चढ़ना कोई नया नहीं है। इससे पहले तत्कालीन जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव व नगर मजिस्ट्रेट ऋतु पूनिया ने व्यापक स्तर पर स्कूलों में गड़बड़ियां पाई थीं। डीएम ने पूरे मामले पर शासन को रिपोर्ट भी भेजी थी। इसके अलावा तत्कालीन बीएसए को संबंधित के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए लेकिन तत्कालीन बीएसए भी पूरे मामले को गोल कर गए। राज्य परियोजना कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तत्कालीन डीएम वैभव श्रीवास्तव की जांच रिपोर्ट कार्यालय को मिली थी जिसमें आरोपितों के विरुद्ध पत्रावली भेजे जाने की बात लिखी गई थी लेकिन वह पत्रावली आजतक उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिलाधिकारी की ओर से कराई गई जांच व बीएसए की ओर से भेजी गई जांच रिपोर्ट एक-दूसरे के विपरीत हैं। जिलाधिकारी द्वारा नामित जांच अधिकारी की रिपोर्ट में जो दोषी हैं, बीएसए ने उन सबको क्लीन चिट दे दी है। मामला गंभीर है इसलिए बीएसए से जबाब तलब किया जा रहा है।

- विजय किरन आनंद, स्कूली शिक्षा महानिदेशक

बीईओ स्वयं कस्तूरबा स्कूलों में खाद्यान्न के जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में उनसे जांच कराना ही संदेहास्पद है। पूरे मामले पर महानिदेशक ने बीएसए से जबाब तलब करने के आदेश दिए हैं। आवश्यक होने पर राज्य स्तर से टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।

- कमलाकर पांडेय, वरिष्ठ विशेषज्ञ बालिका शिक्षा, राज्य परियोजना कार्यालय

पूरे मामले की फाइल निकलवाई जा रही है। डीसी मनरेगा की जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। शासन की मंशा के अनुरूप काम न करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

- पुलकित खरे, जिलाधिकारी


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