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चीनी मिल यार्ड में गंदगी देख बिफरे उप गन्ना आयुक्त

बरेली परिक्षेत्र के उप गन्ना आयुक्त ने चीनी मिल गेट स्थित दो गन्ना क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मिल के यार्ड में गंदगी पाने पर प्रधान प्रबंधक से कड़ी नाराजगी व्यक्त की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 10:53 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 10:53 PM (IST)
चीनी मिल यार्ड में गंदगी देख बिफरे उप गन्ना आयुक्त
चीनी मिल यार्ड में गंदगी देख बिफरे उप गन्ना आयुक्त

पीलीभीत,जेएनएन : बरेली परिक्षेत्र के उप गन्ना आयुक्त ने चीनी मिल गेट स्थित दो गन्ना क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मिल के यार्ड में गंदगी पाने पर प्रधान प्रबंधक से कड़ी नाराजगी व्यक्त की।

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बरेली मंडल के उप गन्ना आयुक्त राजीव राय ने सोमवार को किसान सहकारी चीनी मिल पहुंच कर मिल गेट पर लगे दो गन्ना क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया उन्होंने इस दौरान ट्रॉली गेट पर ट्राली की तौल की इसके पश्चात उन्होंने बैलगाड़ी वाले कांटे पर भी पहुंच कर कांटे पर तौल कर जायजा लिया। निरीक्षण करने से मिल के प्रधान प्रबंधक समेत अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों में हलचल मच गई। प्रधान प्रबंधक तत्काल मौके पर पहुंच गए। इस दौरान उप गन्ना आयुक्त ने मिल यार्ड में फैली गंदगी व किसान आश्रय गृह में गंदगी को देख वह बिफर गए और उन्होंने मिल के प्रधान प्रबंधक एसडी सिंह समेत कई अधिकारियों की कड़ी फटकार लगाते हुए भविष्य में गंदगी पाए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। मुख्य गन्ना अधिकारी अवधेश कुमार समेत कई अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।

गन्ना क्रय केंद्र पर अवस्थाएं, किसान बेहाल

बिलसंडा : जहां एक ओर किसान धान की समस्या से जूझ रहा है वहीं दूसरी और गन्ने की फसल को लेकर भी परेशान है। चीनी मिल के गन्ना क्रय केंद्र पर तौल कराने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

क्षेत्र में बजाज चीनी मिल मकसूदापुर के 10 खरीद सेंटर हैं। एक सेंटर डालमिया चीनी मिल निगोही का लगाया गया है। गन्ना तौल सुस्त गति से होने के कारण किसान लगातार परेशान हो रहे हैं। किसानों को समय से पर्चियां भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। एसएमएस से पर्ची जारी की जा रही हैं। किसानों का कहना है कि कई बार नेटवर्क में गड़बड़ी से पर्ची का एसएमएस समय पर नहीं मिल पाता। वैसे एप पर किसान अपने मोबाइल से खुद ही अपना नंबर बदल सकता है लेकिन अनेक किसान इतने जागरूक नहीं हैं। उन्हें किसी इंटरनेट कैफे का सहारा लेना पड़ता है। सेंटरों से गन्ना ढुलाई के लिए ट्रैक्टर ट्राला और ट्रक लगाए गए हैं जोकि ओवरलोड गन्ना भरकर ले जाते हैं। जिससे राहगीरों को खतरा बना रहता है। एक ट्राले पर 10 टन की अनुमति है लेकिन लालच के चक्कर में ट्राला मालिक 40 से 50 टन गन्ना ले जाते हैं। जगतपुर के किसान जगजीत सिंह का कहना है कि गन्ने को लेकर काफी परेशान रहते हैं। बजाज चीनी मिल का पेमेंट पिछले वर्ष का अभी तक नहीं हो पाया है। सिमरौली के किसान अमरीक सिंह कहते हैं कि बमरौली में बजाज चीनी मिल का सेंटर लगा हुआ है। वहां गन्ना तौल की गति बेहद सुस्त है।


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