आधी रात में आया फोन, चार संक्रमित मरीजों का उपचार
जनपद के डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के बेहतर प्रदर्शन की मिसाल मंडल में कायम है। यही कारण है कि गैर-जनपद निवासी भी जनपद के स्वास्थ्य अधिकारियों को फोन कर मदद की गुहार लगा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मंगलवार की रात सामने आया। शाहजहांपुर निवासी दंपती की रात में तबीयत बिगड़ी तो वहां किसी स्वास्थ्य अधिकारी की मदद नहीं मिली।
पीलीभीत,जेएनएन: जनपद के डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के बेहतर प्रदर्शन की मिसाल मंडल में कायम है। यही कारण है कि गैर-जनपद निवासी भी जनपद के स्वास्थ्य अधिकारियों को फोन कर मदद की गुहार लगा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मंगलवार की रात सामने आया। शाहजहांपुर निवासी दंपती की रात में तबीयत बिगड़ी तो वहां किसी स्वास्थ्य अधिकारी की मदद नहीं मिली। आधी रात में दंपती ने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ. चंद्र मोहन चतुर्वेदी को फोन कर मदद की गुहार लगाई। दंपती मूल रूप से पीलीभीत के निवासी हैं लेकिन नौकरी के कारण परिवार समेत काफी समय से शाहजहांपुर में रह रहे हैं। एसीएमओ ने दूसरे जनपद का केस होने के बावजूद बरेली में न सिर्फ उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था कराई बल्कि दंपती के संक्रमित पुत्र को पीलीभीत बुलाकर इलाज मुहैया कराया। संक्रमित दंपती का पुत्र शहर के आवास विकास कॉलोनी स्थित निजी निवास में होम आइसोलेट है।
उसी रात लगभग 2.30 बजे शहर के मुहल्ला बुजकसावान निवासी एक संक्रमित व्यक्ति की हालत बिगड़ गई। संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन में था। रात में उसके स्वजनों ने स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों व कर्मचारियों को फोन किया लेकिन किसी का फोन नहीं उठा। संक्रमित मरीज का ऑक्सीजन लेवल घटकर 65 रह गया था व सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। इससे परेशान होकर उन्होंने सीएमओ डॉ. सीमा अग्रवाल को फोन किया। सीएमओ ने मरीज के स्वजनों को एसीएमओ डॉ. चतुर्वेदी का नंबर देकर उनसे बात करने को कहा। स्वजनों ने एसीएमओ से संपर्क साधा जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मी देवेश गिरि संक्रमित मरीज के घर पहुंचे व प्राथमिक जांच की। मरीज को तुरंत एल-टू कोविड हॉस्पिटल लाया गया जहां हालत गंभीर होने के कारण बरेली रेफर कर दिया गया। फिलहाल मरीज की हालत में सुधार है लेकिन अगर समय पर इलाज नहीं मिलता तो ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण मरीज की हालत अत्यंत गंभीर हो सकती थी। फोटो: 21 पीआइएलपी-17
वर्जन..
दिन भर भागदौड़ के कारण डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी सो गए होंगे, इसलिए फोन नहीं उठ पाया होगा। मेरे पास जैसे ही फोन आया तो चारों संक्रमितों को रात में ही स्वास्थ्य कर्मियों की मदद से बेहतर इलाज मुहैया कराने की व्यवस्था कराई।
-डा. चंद्रमोहन चतुर्वेदी,एसीएमओ