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सरोज खान ने बढ़ाया था बाल कलाकारों का हौसला

शहर के तमाम लोग उस पल को अब तक नहीं भूले जब तराई के शहर में बच्चों के ग्रुप डांस कार्यक्रम के मंच पर फिल्म इंडस्ट्री की नामचीन कोरियोग्राफर निर्मला नागपाल उर्फ सरोज खान उर्फ मास्टर जी से रूबरू होने का अवसर मिला था। पांच जून 2011 की वह शाम को नृत्य और संगीत की उस महफिल में छोटे-छोटे बच्चों की प्रस्तुति देख वह काफी प्रभावित हुई थीं। जब बच्चों ने फिल्म तेजाब के हिट गीत- तेरा करूं गिन गिन के मैं इंतजार आ जा पिया आई बहार की धुन पर डांस प्रस्तुत किया तब मास्टर जी मंद-मंद मुस्कराती रहीं। उनके चेहरे के भाव बता रहे थे कि बच्चों की प्रस्तुति उन्हें प्रभावित कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 11:03 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 11:03 PM (IST)
सरोज खान ने बढ़ाया था बाल कलाकारों का हौसला
सरोज खान ने बढ़ाया था बाल कलाकारों का हौसला

जेएनएन, पीलीभीत : शहर के तमाम लोग उस पल को अब तक नहीं भूले, जब तराई के शहर में बच्चों के ग्रुप डांस कार्यक्रम के मंच पर फिल्म इंडस्ट्री की नामचीन कोरियोग्राफर निर्मला नागपाल उर्फ सरोज खान उर्फ मास्टर जी से रूबरू होने का अवसर मिला था। पांच जून 2011 की वह शाम को नृत्य और संगीत की उस महफिल में छोटे-छोटे बच्चों की प्रस्तुति देख वह काफी प्रभावित हुई थीं। जब बच्चों ने फिल्म तेजाब के हिट गीत- तेरा करूं गिन गिन के मैं इंतजार, आ जा पिया आई बहार की धुन पर डांस प्रस्तुत किया, तब मास्टर जी मंद-मंद मुस्कराती रहीं। उनके चेहरे के भाव बता रहे थे कि बच्चों की प्रस्तुति उन्हें प्रभावित कर रही है।

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बॉलीवुड की इस मशहूर हस्ती का पीलीभीत आना इतनी आसानी से नहीं हो सका बल्कि कोरियोग्राफर जावेद को काफी प्रयास करने पड़े। जावेद बताते हैं कि सबसे पहले वह वर्ष 2004 में अपने एक दोस्त के माध्यम से मास्टर जी से मिले थे। उन्होंने मास्टर जी के निर्देशन में ट्रेनिग लेने की इच्छा जाहिर की लेकिन उन दिनों वह बहुत व्यस्त थीं। बाद में भी कई बार मुलाकात हुई लेकिन वर्ष 2008 में मास्टर जी के गोरेगांव स्थित डांस स्कूल में उन्हें एक महीने की ट्रेनिग का अवसर मिला। इसी दौरान जावेद ने उन्हें बताया था कि हर साल वह अपने शिष्य बच्चों का एक प्रोग्राम आओ नाचे, झूमे के नाम से कराते हैं। एक बार वह आतिथ्य स्वीकार करें और बच्चों को आशीर्वाद देने आएं। आखिर वह अवसर आया। मुंबई से दिल्ली तक प्लेन से और फिर वहां से कार द्वारा सरोज खान पहुंची थीं। एलएच शुगर मिल के ग्राउंड पर प्रोग्राम हुआ। इसमें 66 बच्चों ने प्रतिभाग किया था। बच्चों के 10 समूह बनाए गए थे। सभी समूहों ने अपना अपना डांस प्रस्तुत किया। इन बच्चों को जब बतौर मुख्य अतिथि सरोज खान ने मेडल व प्रमाण पत्र प्रदान किए तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा था। उन्हें निर्मल होटल में ठहराया गया था, जहां शहर के तमाम लोगों ने उनसे मुलाकात की। एलएच शुगर मिल के तत्कालीन प्रधान प्रबंधक (मानव संसाधन) राजीव अग्रवाल ने उन्हें डिनर पर घर बुलाया। वहां भी अनेक लोगों ने मास्टर जी से मुलाकात की थी। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष देवेश बंसल, लिटिल एंजिल्स स्कूल के प्रबंधक डॉ. संजीव अग्रवाल आदि के दिलों में आज भी उनकी यादें ताजा हैं। बच्चों की प्रस्तुति से प्रभावित मास्टर जी ने जावेद के प्रयासों की सराहना भी की थी। जावेद बताते हैं कि इसी साल ईद के मौके पर उन्होंने फोन से संपर्क किया था। तब उन्होंने बताया था कि सेहत ठीक नहीं रहती। डांस स्कूल में भी कम ही जाना हो पाता है। शुक्रवार को सुबह जब यहां के लोगों को पता चला कि मास्टर जी अब इस दुनिया में नहीं रहीं तो लोग पुरानी यादों में खोने लगे।


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