नो मैंस लैंड पर सड़क निर्माण के प्रयास को बताया गलत
भारत-नेपाल बॉर्डर पर नो मैंस लैंड पर नेपालियों द्वारा अचानक सड़क निर्माण के प्रयास को क्षेत्र के लोगों ने गलत बताया है। दोनों देशों की सहमति के बाद ही नो मैंस लैंड पर किसी तरह का निर्माण किया जाए तो बेहतर होगा। इससे जहां सीमा पर आमने-सामने रहने वाले लोगों में आपसी सौहार्द बढ़ेगा वहीं किसी भी प्रकार की तनाव की स्थिति का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।
जेएनएन, पीलीभीत: भारत-नेपाल बॉर्डर पर नो मैंस लैंड पर नेपालियों द्वारा अचानक सड़क निर्माण के प्रयास को क्षेत्र के लोगों ने गलत बताया है। दोनों देशों की सहमति के बाद ही नो मैंस लैंड पर किसी तरह का निर्माण किया जाए तो बेहतर होगा। इससे जहां सीमा पर आमने-सामने रहने वाले लोगों में आपसी सौहार्द बढ़ेगा, वहीं किसी भी प्रकार की तनाव की स्थिति का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। हालांकि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर बीते कुछ माह से तल्खी दिख रही है, लेकिन सीमांत नागरिकों में इस तरह की कोई दुर्भावना नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे में अगर सीमा पर बिना दोनों देशों के अधिकारियों की अनुमति के किसी भी निर्माण कार्य को किया जाता है तो मनमुटाव बढ़ सकता है। महामारी को लेकर बॉर्डर क्षेत्र में आवाजाही पर भी रोक लगी हुई है।
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दोनों देशों की सहमति के बाद ही नो मैंस लैंड पर किसी तरह का निर्माण होना चाहिए। इससे किसी भी प्रकार के तनाव की आशंका पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
कुलवंत सिंह, प्रधान, सिघाड़ा उर्फ टाटरगंज
दोनों देशों के बीच राजनैतिक तल्खी भले ही बढ़ी हो, लेकिन सीमा के आमने-सामने रहने वाले लोगों में आपसी संबंध उसी तरह से कायम हैं, जिस तरह से पहले थे।
गुरदेव सिंह, प्रधान, बमनपुरी भगीरथ
सीमा पर अचानक इस तरह के निर्माण कार्य से दोनों देशों के अधिकारी भी परेशान होते हैं। नोमेंस लैंड पर इस तरह के निर्माण कार्य करना पूरी तरह से गलत है।
रामाज्ञा प्रसाद
एक साल पहले भी सड़क के निर्माण का प्रयास किया गया था। अचानक फिर नेपालियों की यह हरकत गलत है। सहमति के बाद ही सीमा पर इस तरह के काम होने चाहिए।
भुवनेश्वर मौर्या