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डग्गामार वाहनों से यात्रा करने की मजबूरी

पीलीभीतजेएनएन अमरिया रोड पर सिर्फ दो रोडवेज बसों का संचालन हो रहा है। वह भी सुबह शाम टनकपुर व ऊधमसिंह नगर से सितारगंज अमरिया से पीलीभीत बरेली को जाती हैं। जिला मुख्यालय जाने के लिए अभी भी ग्रामीणों को प्राइवेट खटारा बसों व टेंपो से ही सफर करना पड़ रहा है। पड़ोसी राज्य उत्तराखंड को जाने के लिए सीमा पर मुड़लिया गैसू तक ही बसें चलती हैं। सितारगंज जाने के लिए उत्तराखंड की बसों से जाना पड़ता है जिससे टुकड़ों में सफर करने से समय के साथ साथ यात्रियों को किराया भी अधिक लगता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 11:10 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 11:10 PM (IST)
डग्गामार वाहनों से यात्रा करने की मजबूरी
डग्गामार वाहनों से यात्रा करने की मजबूरी

पीलीभीत,जेएनएन : अमरिया रोड पर सिर्फ दो रोडवेज बसों का संचालन हो रहा है। वह भी सुबह शाम टनकपुर व ऊधमसिंह नगर से सितारगंज अमरिया से पीलीभीत बरेली को जाती हैं। जिला मुख्यालय जाने के लिए अभी भी ग्रामीणों को प्राइवेट खटारा बसों व टेंपो से ही सफर करना पड़ रहा है। पड़ोसी राज्य उत्तराखंड को जाने के लिए सीमा पर मुड़लिया गैसू तक ही बसें चलती हैं। सितारगंज जाने के लिए उत्तराखंड की बसों से जाना पड़ता है, जिससे टुकड़ों में सफर करने से समय के साथ साथ यात्रियों को किराया भी अधिक लगता है। पीलीभीत से अमरिया सितारगंज तक रोडवेज बसों का संचालन दिन भर न होने से लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। शाम का अंधेरा घिरते ही रोड पर राहगीरों को कोई सवारी नहीं मिलती है। लोगों की मांग है कि रोडवेज बसों का संचालन आवश्यक है, जिससे सफर करने में हो रही कठिनाई दूर हो जाएंगी। राहगीरों को काफी राहत मिलेगी। अमरिया से पीलीभीत बरेली को सुबह शाम ही रोडवेज बसें चलती हैं। बाकी पूरा दिन लोग प्राइवेट बसों अथवा टेंपो के सहारे सफर करते हैं। शाम होने के बाद यात्रा के लिए कोई वाहन नहीं मिलता है।

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गयास खां अमरिया से बरेली के लिए सीधी कोई सवारी नहीं है, जिससे बरेली सामान लेने जाने में बहुत दिक्कतें होती हैं। रोडवेज बसों का संचालन हो जाए तो कस्बा के व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी।

मोहम्मद अयूब अमरिया से सितारगंज जाने के लिए कोई सीधे सवारी नहीं है। मुड़लिया गैसू सीमा पर से उत्तराखंड जाने के लिए सवारी बदलना पड़ती है। टुकड़ों में सफर करते हैं समय के साथ साथ भाड़ा भी अधिक लगता है।

पोला सिंह


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