कमजोर धूप से ठिठुरन महसूस करते रहे लोग
सुबह से ही आसमान पर बादल मंडराने लगे। ऐसे में सूर्यदेव बार-बार बादलों की ओट लेकर निकलते रहे।
पीलीभीत : सुबह से ही आसमान पर बादल मंडराने लगे। ऐसे में सूर्यदेव बार-बार बादलों की ओट ले लेते। इस कारण से धूप कमजोर रही। खुलकर धूप नहीं खिलने की वजह से लोग पूरे दिन ठिठुरन महसूस करते रहे। सायं को सूर्यास्त होते ही वातावरण में गलन काफी बढ़ गई। ऐसे में ठंड से राहत पाने के लिए लोगों को आग का सहारा लेना पड़ गया।राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र ¨सह ढाका के अनुसार मंगलवार को अधिकतम तापमान 18.2 तथा न्यूनतम 3.3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। उन्होंने बताया कि गुरुवार तक शीतलहर की ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी। इसके बाद तापमान में कुछ बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। सुबह बादल उमड़ने के बाद दोपहर में जब छंटने लगे तो कुछ देर के लिए खुलकर धूप निकली लेकिन शाम ढलने से पहले फिर बादल मंडराने लगे। शाम ढलने के बाद वातावरण में गलन बढ़ जाने पर शहर में कई स्थानों पर लोग आग का सहारा लेकर राहत पाने की कोशिश करते दिखे।
बीसलपुर: पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद क्षेत्र में शीतलहर का व्यापक प्रकोप बना रहा। जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त रहा। ठंड के कारण विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति कम रही। पिछले कई दिनों से क्षेत्र में शीतलहर का व्यापक प्रकोप बना हुआ है। मंगलवार को भी पूरे दिन मौसम का मिजाज बिगड़ा रहा। आसमान में कुछ देर के लिए सूर्यदेव के दर्शन भी हुए परंतु उससे ठंड कम नहीं हुई। ठंड की वजह से गरीब तपके के लोगों को भारी असुविधा झेलनी पड़ी। जगह-जगह लोग अलाव तापते हुए देखे गये। ठंड की वजह से ही नगर व देहात क्षेत्र के विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति कम देखी गई। नन्हें मुन्ने बच्चों को कई अभिभावकों ने आज विद्यालय नहीं भेजा। मंगलवार को दिखा मकर संक्रांति जैसा मौसम
इस बार मकर संक्रांति का पर्व दो दिन मनाया गया। तमाम लोगों ने यह पर्व सोमवार को ही मना लिया जबकि बहुत से लोगों ने मंगलवार को मनाया लेकिन आज तो वाकई मकर संक्रांति जैसा मौसम भी रहा। पिछले वर्षों में मकर संक्रांति पर्व के दिन जिस तरह की शीतलहर का मौसम रहा। आसमान पर बादल भी छाए रहते रहे, ठीक उसी तरह से आज भी मौसम का मिजाज रहा है।