सुतिया नाला पर बनाया बांस का पुल
नेपाल सीमा पर भारतीय क्षेत्र में सुतिया नाला पर ग्रामीणों ने सहयोग से बांस का पुल तैयार किया है। पुल का निर्माण होने से एसएसबी जवानों को सीमा पर गश्त करने में अब मोटरबोट या नाव का सहारा नहीं लेना पड़ेगा।
पीलीभीत,जेएनएन : नेपाल सीमा पर भारतीय क्षेत्र में सुतिया नाला पर ग्रामीणों ने सहयोग से बांस का पुल तैयार किया है। पुल का निर्माण होने से एसएसबी जवानों को सीमा पर गश्त करने में अब मोटरबोट या नाव का सहारा नहीं लेना पड़ेगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तंभ संख्या 38 के पास भारतीय क्षेत्र में सुतिया नाला बहता है। नाला की चौड़ाई तो कम है लेकिन गहराई काफी अधिक है। इस वजह से सीमा पर तैनात 49 वीं वाहिनी एसएसबी पीलीभीत की बीओपी चौकी टिल्ला नंबर चार के जवानों को नोमेंस लैंड पर गश्त करने के लिए नाव व मोटर बोट का प्रयोग करना पड़ता है। जवान दिक्कतों का सामना कर वहां गश्त करने के लिए पहुंच रहे थे। पिलर संख्या 38 के पास नोमेंस लैंड पर नेपाल द्वारा पक्की सड़क का निर्माण करने के कारण दो बार विवाद की स्थिति बन चुकी है। पक्की सड़क निर्माण रुकवाने को लेकर पीलीभीत के निर्वतमान जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव और पुलिस अधीक्षक जयप्रकाश समेत अन्य अधिकारियों को सुतिया नाला में मोटर बोट का प्रयोग कर जाना पड़ा था। नोमेंस लैंड पर एसएसबी जवानों की गश्त की दिक्कत को देखते हुए वमनपुरी भगीरथ के ग्राम प्रधान गुरदेव सिंह ने ग्रामीणों के सहयोग और एसएसबी की बीओपी चौकी टिल्ला नंबर चार एवं कमलापुरी बीओपी चौकी के जवानों के साथ मिलकर सुतिया नाला पर बांस का एक पुल बनाकर तैयार किया है। एसएसबी जवानों को गश्त करने के लिए पुल बनने से आसानी होगी। साथ ही मोटर बोट का प्रयोग भी नहीं करना पड़ेगा। ग्राम प्रधान ने बताया कि ग्रामीणों से चंदा एकत्र कर बांस का पुल बनाया गया है। जवान आसानी से गश्त करने के लिए आ जा सकेंगे।
वर्जन.
बांस का पुल बनने से ग्रामीणों के साथ ही एसएसबी जवानों को नेपाल सीमा पर गश्त करने में बेहद आसानी होगी। अभी तक नाव या मोटरबोट का सहारा लिया जा रहा था।
-अजय कुमार, कमांडेंट 49 वीं वाहिनी एसएसबी पीलीभीत