शरणार्थियों के बीएलओ भरने लगे फार्म
नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद बार्डर से सटे गांवों में खुशी की लहर है। बीएलओ ने भी घर-घर जाकर फार्म भरना शुरू कर दिया है।
संसू, माधोटांडा (पीलीभीत) : नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद बार्डर से सटे गांवों में खुशी की लहर है। बीएलओ ने भी घर-घर जाकर फार्म भरना शुरू कर दिया है।
बांग्लादेश और पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर आये शरणार्थी परिवार नेपाल बार्डर क्षेत्र के गांवों में रह रहे हैं। एक बड़ी आबादी निवास करती है। शरणार्थी वर्षों से नागरिकता दिलाने की मांग उठा रहे थे,लेकिन यह साकार नहीं हो पा रही थी। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में नागरिकता संशोधन कानून लागू किए जाने से इन शरणार्थियों को नागरिकता मिलने की आस जगी है। जल्द नागरिकता मिलने की आस को लेकर इनमें बेहद खुशी है। ग्रामीण सरकार के इस प्रयास की काफी सराहना कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया की बीएलओ घर-घर जाकर वोट बनाने के लिए फार्म भर रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद यहां कई दशक से निवास कर रहे ग्रामीणों को नागरिकता मिलेगी। यह कानून इन शरणार्थियों के लिए वरदान साबित होगा। सभी जगह खुशी का माहौल है।
पुनीत अरोरा
बुजुर्ग काफी समय से नागरिकता को लेकर मांग कर रहे थे लेकिन अब यह मांग उनकी सार्थक रूप में सफल हो रही है। सरकार के इस प्रयास से जल्द ही नागरिकता मिलने की उम्मीद है।
गोविद
भारत का नागरिक न होने का जो ठप्पा यहां के लोगों पर लगा था वह जल्द ही दूर होने की आशंका है। बॉर्डर क्षेत्र में तमाम शरणार्थी परिवार रह रहे हैं। इन लोगों के अब सरकार की तमाम मूलभूत सुविधाएं मिल सकेगी।
निमई मंडल
सरकार को यह कानून काफी पहले लागू कर देना चाहिए था जिससे वर्षों से चली आ रही मांग को विराम लग जाता। सरकार ने अब इस ओर काफी ठोस कदम उठाया है जो सराहनीय है।
निशा रानी