भाजपा जिला मंत्री समेत चार आरोपित गिरफ्तार
भाजपा के जिला मंत्री और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की नगर इकाई के कार्यवाह के बीच मारपीट के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पीलीभीत : भाजपा के जिला मंत्री और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की नगर इकाई के कार्यवाह के बीच मारपीट मामले में पुलिस ने एक पक्ष की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करके भाजपा नेता समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इन सभी का चालान करके जेल भेजा गया, जो आरोपित फरार चल रहे हैं, उनकी पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस का कहना है कि भाजपा नेता की ओर से भी तहरीर मिली है लेकिन अभी उसकी जांच की जा रही है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की नगर इकाई के कार्यवाह सुमित गुप्ता ने शनिवार को देर शाम सुनगढ़ी थाने में दी तहरीर में कहा कि भाजपा के जिला मंत्री अनिरुद्ध मिश्र व विशाल वाष्र्णेय से लेनदेन का विवाद चल रहा था। शनिवार की शाम वह रामलीला रोड रेलवे क्रा¨सग के निकट अपने गोदाम पर हिसाब-किताब का मिलान कर रहा था। इसी दौरान भाजपा के जिला मंत्री एवं विशाल समेत आठ लोग अचानक आ धमके और अभद्र भाषा का प्रयोग करके हुए गालियां देना शुरू कर दिया। उसने जब इसका विरोध किया तो मारपीट शुरू कर दी। किसी भारी चीज का उसके सिर पर प्रहार किया गया, जिससे सिर फूट गया। इसी दौरान हमलावरों ने गल्ले में रखे 81 हजार रुपये लूट लिए तथा उसका मोबाइल फोन भी छीन लिया। आसपास के लोगों ने उसे हमलावरों से बचाया। घटना के कुछ देर बाद दोनों पक्षों के लोग सुनगढ़ी थाने में जमा हो गए। दोनों ओर से पुलिस को तहरीर दी गई। लगभग आधी रात तक भाजपा और आरएसएस से जुड़े दर्जनों प्रभावशाली लोग थाने में जमे रहे। इस दौरान उनमें आपस में भी जमकर तकरार होती रही। पुलिस मूक दर्शक बनी रही जबकि एक नेता जी तो प्रभारी निरीक्षक की कुर्सी पर ही बैठ गए। बहरहाल देर रात पुलिस ने आरएसएस के नगर कार्यवाह की तहरीर के आधार पर मारपीट और लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके बाद रविवार को भाजपा के जिला मंत्री अनिरुद्ध, विशाल, अविनाश व प्रमोद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सीओ सिटी धर्म ¨सह मार्छाल का कहना है कि गिरफ्तार लोगों का चालान करके जेल भेज दिया गया है। इस मामले के चार अन्य आरोपित फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। भाजपा जिला मंत्री की तहरीर की अभी जांच की जा रही है। उधर, भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता का कहना है कि इस प्रकरण की वह जानकारी जुटा रहे हैं, इसके बाद आवश्यक समझा जाएगा तो संगठन स्तर से कार्रवाई की जाएगी।