हड़ताल से पूरे जिले में बैं¨कग सेवाएं ठप
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : यूनाइटेड फोरम बैंक यूनियम के आह्वान पर जिले भर में विभिन्न बैंक
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : यूनाइटेड फोरम बैंक यूनियम के आह्वान पर जिले भर में विभिन्न बैंकों के अधिकारियों व कर्मचारियों की हड़ताल रही। फोरम के आह्वान पर प्राइवेट बैंकों के स्टाफ ने भी हड़ताल में सहयोग किया। इसके चलते पूरे जिले में सभी बैंक शाखाओं में तालाबंदी रही। ज्यादातर एटीएम भी खाली रहने के कारण खातेदारों को दिक्कतें हुईं। सरकारी सेंटरों पर अपना गेहूं बेच चुके किसानों को भी भुगतान नहीं मिल सका। शहर समेत पूरनपुर व बीसलपुर में समाशोधन गृह भी बंद रहे। इससे लगभग सौ करोड़ का लेनदेन प्रभावित रहा। हड़ताल गुरुवार को भी जारी रहेगी।
बुधवार को यूनाइटेड फोरम बैंक यूनियन के केंद्रीय आह्वान पर सभी बैंकों में कर्मचारियों, अधिकारियों की हड़ताल रही। हड़ताली कर्मचारियों, अधिकारियों ने जुलूस की शक्ल में सड़कों पर निकलकर विभिन्न बैंकों की शाखाओं पर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। फोरम के जिला संयोजक शैलेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में बैंक कर्मियों ने नौगवां चौराहा स्थित एसबीआइ की मेन ब्रांच के बाहर एकत्र होकर प्रदर्शन किया। इस अवसर पर जिला संयोजक ने कहा कि सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण ही राष्ट्रव्यापी हड़ताल की स्थिति बन गई। वेज रिवीजन के लिए अधिकृत इंडियन बैंक एसोसिएशन पिछले एक साल से गंभीर होकर फोरम से वार्ता नहीं कर रही है जबकि ये वेतन समझौता नवंबर 2017 में लागू हो जाना चाहिए था। यूपी बैंक इम्पलाइज यूनियन के जिलाध्यक्ष सौरभ गंगवार ने कहा कि केंद्र सरकार बैंक कर्मियों की जायज मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है। वेतन समझौता और सेवा शर्तों में सुधार किया जाना चाहिए। एसबीआइ अधिकारी एसोसिएशन के सहायक क्षेत्रीय मंत्री अशोक कुमार शर्मा समेत अन्य अनेक कर्मचारी जुलूस और प्रदर्शन में शामिल रहे। यूपी बैंक इम्पलाइज यूनियन के जिलाध्यक्ष के अनुसार शहर समेत पूरनपुर व बीसलपुर में समाशोधन गृह भी नहीं लगे। हड़ताल पूरी तरह से सफल रही है। गुरुवार को भी हड़ताल जारी रहेगी। उनके मुताबिक हड़ताल के पहले दिन ही लगभग सौ करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ है। उधर, शहर समेत पूरनपुर व बीसलपुर में ज्यादातर एटीएम खाली रह गए। इससे लोगों को नकदी के लिए परेशान होना पड़ा। किसानों को गेहूं का भुगतान भी नहीं मिल सका।
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