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बाढ़ से सात हजार हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित

पीलीभीतजेएनएन कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार की सुबह जिले में शारदा और देवहा नदियों में आई बाढ़ से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। बाद में अधिकारियों की बैठक लेकर बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की। कृषि मंत्री ने मीडिया से कहा कि जिले में कुल आठ हजार हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है जिसमें से सात हजार हेक्टेयर कृषि भूमि है। इस भूमि पर खड़ी धान व गन्ना की फसलों को नुकसान हुआ है। जनपद के 78 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। उन्होंने बताया कि शासन ने प्रदेश में बाढ़ से बचाव एवं राहत के लिए 77.88 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित कर दी है। पीलीभीत जनपद में सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही धनराशि मुहैया करा दी जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 11:42 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 11:42 PM (IST)
बाढ़ से सात हजार हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित
बाढ़ से सात हजार हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित

पीलीभीत,जेएनएन : कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार की सुबह जिले में शारदा और देवहा नदियों में आई बाढ़ से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। बाद में अधिकारियों की बैठक लेकर बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की। कृषि मंत्री ने मीडिया से कहा कि जिले में कुल आठ हजार हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है, जिसमें से सात हजार हेक्टेयर कृषि भूमि है। इस भूमि पर खड़ी धान व गन्ना की फसलों को नुकसान हुआ है। जनपद के 78 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। उन्होंने बताया कि शासन ने प्रदेश में बाढ़ से बचाव एवं राहत के लिए 77.88 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित कर दी है। पीलीभीत जनपद में सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही धनराशि मुहैया करा दी जाएगी।

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लखनऊ से हेलीकाप्टर से आए कृषि मंत्री ने कलीनगर, पूरनपुर और सदर तहसीलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके उपरांत पुलिस लाइन के सभागार में जिले के जनप्रतिनिधियों, डीएम, एसपी समेत बाढ़ राहत कार्यों से जुड़े अधिकारियों की बैठक लेकर समीक्षा की। कृषि मंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन ने इस आपदा के प्रबंधन में तत्परता दिखाई। इसी का परिणाम यह रहा कि आपदा के दौरान कोई जनहानि नहीं हुई। शारदा पार फंसे महिलाओं, बच्चों समेत 40 लोगों को वायु सेना के हेलीकाप्टर की मदद से सुरक्षित निकाला गया। उन्होंने बताया कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में कुल 25 मकान क्षतिग्रस्त हुए। 329 मवेशी मरे हैं। प्रभावित ग्रामीणों में 20 हजार भोजन के पैकेट बांटे जा चुके हैं। अब अगले पंद्रह दिनों के लिए पीड़ित परिवारों को राशन की किट प्रदान की जा रही है। इस किट में आटा, चावल, दाल, खाद्य तेल, नमक समेत कुल 15 जिस हैं। अब तक 1700 परिवारों को ये राशन किट मुहैया कराई जा चुकी हैं। तीन दिन के भीतर कुल 10 हजार परिवारों को ये राशन किट उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में हुई भारी बारिश के कारण नदियों में अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा आई। प्रदेश में सैकड़ों गांव इससे प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री राहत कार्यों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पहले जलशक्ति मंत्री को सर्वेक्षण के लिए भेजा और अब उन्हें कई बाढ़ प्रभावित जिलों में जाकर स्थिति का जायजा लेने, राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश देकर भेजा गया है। कृषि मंत्री ने बताया कि खरीफ सीजन में जिले में सिर्फ 10 हजार 754 किसानों ने ही प्रधानमंत्री फसल बीमा कराया है लेकिन जिन किसानों ने बीमा नहीं कराया, उन्हें भी सरकार मुआवजा देगी। समीक्षा बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह, सदर विधायक संजय सिंह गंगवार, बरखेड़ा विधायक किशनलाल राजपूत, पूरनपुर विधायक बाबूराम पासवान, जिलाधिकारी पुलकित खरे, एसपी दिनेश कुमार पी, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) देवेंद्र प्रताप मिश्र, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) कुंवर बहादुर सिंह, नगर मजिस्ट्रेट अरुण कुमार सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे। 27 अक्टूबर को देखेंगे जमीनी हकीकत

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता पहुंचाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार पूरी तरह गंभीर है। मुख्यमंत्री ने पहले जलशक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह को राहत आयुक्त और प्रमुख अभियंता के साथ पीलीभीत निरीक्षण करने भेजा था, अब उन्हें निरीक्षण करने भेजा है। कृषि मंत्री ने बताया कि आज जनपद के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया गया है, लेकिन वह 27 अक्टूबर को पूरनपुर और कलीनगर तहसीलों के गांवों में जमीनी हकीकत देखने आएंगे। बाढ़ प्रभावित सभी लोगों को राहत देने का काम सरकार पूरी संजीदगी के साथ कर रही है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित बटाईदार किसानों को भी राहत देने के निर्देश दिए गए हैं।


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