दूध में ऐसा क्या मिला दिया जो दूधवाले को एक वर्ष की हो गई जेल, लगा 5000 का जुर्माना
पीलीभीत में दूध के नमूने में मिलावट पाए जाने पर अदालत ने दूध विक्रेता मुनेंद्र पाल को दोषी ठहराया। उसे पांच हजार रुपये का जुर्माना और एक साल की सजा सुनाई गई। खाद्य निरीक्षक बलवंत सिंह ने 2006 में मुनेंद्र पाल से लाइसेंस मांगा था, जो वह नहीं दिखा सका। जांच में दूध मानव उपभोग के लिए हानिकारक पाया गया, जिसके बाद न्यायालय ने यह फैसला सुनाया।

जागरण संवाददाता, पीलीभीत। जांच में दूध का नमूना फेल होने पर अदालत ने दूध विक्रेता को दोषी पाते हुए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुंदर पाल ने आरोपित को पांच हजार रुपये जुर्माना समेत एक साल की सजा से दंडित किया। अभियोजन के मुताबिक खाद्य निरीक्षक बलवंत सिंह ने नगर पालिका परिषद कार्यालय के पास साइकिल पर दूध बेच रहे दूधिए थाना न्यूरिया के गांव खाईखेड़ा निवासी मुनेंद्र पाल को रोक कर 17 अक्तूबर 2006 को दूध बेचने का लाइसेंस मांगा।
वह लाइसेंस नहीं दिखा सका। दूध का निरीक्षण किया। दूध में मिलावट का शक होने पर सेंपल लेकर समस्त औपचारिकताएं पूरी करते हुए जांच के लिए भेज दिया। जांच रिपोर्ट आने पर पता चला कि दूध मानव उपभोग के लिए हानिकारक पाया गया।
इस पर खाद्य निरीक्षक की ओर से न्यायालय मे परिवाद दाखिल किया न्यायालय ने सुनवाई करने व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद मुनेन्द्रपाल को आरोपी पाते हुए तलव किया सुनवाई के दौरान न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद मुनेंद्र पाल को दोषी पाते हुए दण्डित किया

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